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लेपने का न पोतने का

निकम्मा, बिल्कुल बेकार, किसी काम का नहीं

बिल्ली का गू लेपने का न पोतने का

बिलकुल नाकारा और बेकार है

बिल्ली का गूह न लेपने का न पोतने का

बिलकुल नाकारा और बेकार है

कुत्ते का गूह न लीपने का ना पोतने का

रुक : बिल्ली का गाह ना लेपने का ना पोतने का , नाकारा चीज़ के बारे में कहते हैं

ऊँट का पाद न ज़मीन का न आसमान का

जिस व्यक्ति के व्यवहार में गंभीरता न हो उसकी या मूर्ख की बात का कोई असर नहीं होता

रातों का न बातों का

काम का न काज का

दीन का न दुनिया का

good-for-nothing, neither religious nor worldly-wise

न काम का , न काज का , दुश्मन अनाज का

رک : کام کا نہ کاج کا ، دشمن اناج کا جو زیادہ مستعمل ہے

ज़मीन का न आसमान का

न इधर का न उधर का, बे कार, लग़्व

सर का न पाँव का

بے سروپا ، سر نہ پیر ، اوّل نہ آخر

घर का न हुआ दर का

कहीं का न रहा, निकम्मा हो गया

बल ज़ोर का न ज़र का

न रूपया है न शरीर में बल है, हर प्रकार से निर्बल है

न सर का होश , न पाँव का

बेख़बर होना

हाल का न रोज़गार का

रुक : हाल का ना क़ाल का अलख

नमाज़ का न रोज़े का

वह जो न नमाज़ पढ़ता हो और न रोज़ा रखता हो, बेनमाज़ी बेरोज़ा के बारे में कहते हैं

काम का न काज का दुश्मन अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

नब्ज़ों का न चलना

نبضوں کی حرکت کا محسوس نہ ہونا

धोबी का गधा घर का न घाट का

हर तरफ़ से टकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद , उस शख़्स की बाबत कहेंगे जिसे हर तरफ़ से धुतकार देव गया हो

गोज़-ए-शुतुर न ज़मीन का न आसमान का

बेतुकी बात तो बेतुकी है, न इधर की, न उधर की

रोटी का न कपड़े का सेंत मेंत का भुत्रा

ऐसे नाकारा शख़्स के बारे में कहते हैं जो मुफ़त ख़ोरी के बावजूद रुअब जमाए या एकड़ फ़ूं दिखाए

पापी पाप का, भाई का न बाप का

the corrupt care for nothing but their vices

नात का न गोत का बाँटा माँगे कोत का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

नात का न गोत का बाँटा माँगे पोथ का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का

हर जगह से ठुकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद अर्थात कहीं का भी न रहना

काम का न काज का सेर-भर अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

हाल का न क़ाल का रोटी चमचा दाल का

निकम्मे आदमी की निसबत बोलते हैं जो काम के वक़्त तो टल जाये और खाने की वक़्त मौजूद हो

आँसुओं का तार न टूटना

लगातार आँसू बहना

गूड़ भरा हँसियाँ , न निगलने का , न थूकने का

रुक : गड़ भरा हंसिया है अलख

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

तत्ता निवाला न निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

छत्री का भगत न मूसल का धनक

मूसल का धनुष नहीं बन सकता, उसी प्रकार क्षत्रिय कभी भक्त नहीं बन सकता

काम का न काज का दुश्मन सेर-भर अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

कहीं का न रहना

۱. तबाह-ओ-बर्बाद हो जाना, किसी गों का ना होना, किसी काम या जगह के लायक़ ना होना, ज़लील-ओ-रुस्वा हो जाना , मक़सद को ना पहुंचना

कहीं का न रखा

बेइज़्ज़त करना, बेआबरु करना

तत्ता कौर न निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

चुटके का खैये, उकटे का न खैये

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

न तीर न कमान नाहक़ का पठान

ज़बरदस्ती की हुकूमत जताने वाले के संबंध में कहते हैं

गोज़-ए-शुतुर ज़मीन का न आसमान का

बेतुकी बात तो बेतुकी है, न इधर की, न उधर की

साधू का देन न माधू का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

आसमान का रक्खा न ज़मीन का

नष्ट कर दिया, तबाह-ओ-बर्बाद कर दिया

क़ाबू का न होना

वश का न होना, अधिकार का न होना, कहने का न होना

नक्टे का खाए उकटे का न खिलाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

नक्टे का खाए उकटे का न खाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

पापी पाप का , भाई न बाप का

जिस को बदकारी की लत पड़ जाती है, वो रिश्ता का भी लिहाज़ नहीं करता, बदज़ात आदमी को शरारत से ग़रज़ है बाप भाई कोई भी हो

साधू का देन न माधौ का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

मसरफ़ का न रहना

इस्तिमाल का ना रहना, काम का ना रहना, काबिल-ए-इस्तेमाल ना होना

मसरफ़ का न होना

काम का न होना

नज़र का काम न करना

بینائی یا بصارت میں فرق آ جانا، اچھی طرح نظر نہ آنا

मैं अब कहीं का न रहा

मैं अब किसी की तरफ़ नहीं रहा, मैं अब किसी लायक़ नहीं रहा, अब मैं किसी को मुँह नहीं दिखा सकता

पास का कुत्ता न दूर का भाई

जो चीज़ निकट है वह बेहतर है। उपस्थित कुत्ता दूर के भाई से बेहतर है

तिनके का शर्मिंदा न होना

किसी का ज़र्रा भर सुलूक गवार ना करना

न इधर का न उधर का

۔کسی کام کا نہیں۔بیکار کی جگہ۔؎

तत्ता कौर निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

कुत्ता घर का रहा न घाट का

रुक : धोबी का कुत्ता, घर का ना घाट का

नकटे का खाए ओझे का न खाए

۔مثل۔ کمینہ کا احسانمند نہ ہونا چاہیے۔

मा'मूरी का निशान न रहना

आबादी का अस्तित्व शेष न रहना, चहल-पहल न होना

मींह का आँख न खोलना

लगातार बारिश होना, झड़ी लगना

फ़रिश्तों का वाक़िफ़ न होना

रुक : फ़रिश्तों को ख़बर ना होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में लेपने का न पोतने का के अर्थदेखिए

लेपने का न पोतने का

lepne kaa na potne kaaلِیپنے کا نَہ پوتنے کا

लेपने का न पोतने का के हिंदी अर्थ

अन्य

  • निकम्मा, बिल्कुल बेकार, किसी काम का नहीं

لِیپنے کا نَہ پوتنے کا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

دیگر

  • نکما، بالکل بیکار، کسی کام کا نہیں

Urdu meaning of lepne kaa na potne kaa

  • Roman
  • Urdu

  • nikammaa, bilkul bekaar, kisii kaam ka nahii.n

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लेपने का न पोतने का

निकम्मा, बिल्कुल बेकार, किसी काम का नहीं

बिल्ली का गू लेपने का न पोतने का

बिलकुल नाकारा और बेकार है

बिल्ली का गूह न लेपने का न पोतने का

बिलकुल नाकारा और बेकार है

कुत्ते का गूह न लीपने का ना पोतने का

रुक : बिल्ली का गाह ना लेपने का ना पोतने का , नाकारा चीज़ के बारे में कहते हैं

ऊँट का पाद न ज़मीन का न आसमान का

जिस व्यक्ति के व्यवहार में गंभीरता न हो उसकी या मूर्ख की बात का कोई असर नहीं होता

रातों का न बातों का

काम का न काज का

दीन का न दुनिया का

good-for-nothing, neither religious nor worldly-wise

न काम का , न काज का , दुश्मन अनाज का

رک : کام کا نہ کاج کا ، دشمن اناج کا جو زیادہ مستعمل ہے

ज़मीन का न आसमान का

न इधर का न उधर का, बे कार, लग़्व

सर का न पाँव का

بے سروپا ، سر نہ پیر ، اوّل نہ آخر

घर का न हुआ दर का

कहीं का न रहा, निकम्मा हो गया

बल ज़ोर का न ज़र का

न रूपया है न शरीर में बल है, हर प्रकार से निर्बल है

न सर का होश , न पाँव का

बेख़बर होना

हाल का न रोज़गार का

रुक : हाल का ना क़ाल का अलख

नमाज़ का न रोज़े का

वह जो न नमाज़ पढ़ता हो और न रोज़ा रखता हो, बेनमाज़ी बेरोज़ा के बारे में कहते हैं

काम का न काज का दुश्मन अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

नब्ज़ों का न चलना

نبضوں کی حرکت کا محسوس نہ ہونا

धोबी का गधा घर का न घाट का

हर तरफ़ से टकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद , उस शख़्स की बाबत कहेंगे जिसे हर तरफ़ से धुतकार देव गया हो

गोज़-ए-शुतुर न ज़मीन का न आसमान का

बेतुकी बात तो बेतुकी है, न इधर की, न उधर की

रोटी का न कपड़े का सेंत मेंत का भुत्रा

ऐसे नाकारा शख़्स के बारे में कहते हैं जो मुफ़त ख़ोरी के बावजूद रुअब जमाए या एकड़ फ़ूं दिखाए

पापी पाप का, भाई का न बाप का

the corrupt care for nothing but their vices

नात का न गोत का बाँटा माँगे कोत का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

नात का न गोत का बाँटा माँगे पोथ का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का

हर जगह से ठुकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद अर्थात कहीं का भी न रहना

काम का न काज का सेर-भर अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

हाल का न क़ाल का रोटी चमचा दाल का

निकम्मे आदमी की निसबत बोलते हैं जो काम के वक़्त तो टल जाये और खाने की वक़्त मौजूद हो

आँसुओं का तार न टूटना

लगातार आँसू बहना

गूड़ भरा हँसियाँ , न निगलने का , न थूकने का

रुक : गड़ भरा हंसिया है अलख

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

तत्ता निवाला न निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

छत्री का भगत न मूसल का धनक

मूसल का धनुष नहीं बन सकता, उसी प्रकार क्षत्रिय कभी भक्त नहीं बन सकता

काम का न काज का दुश्मन सेर-भर अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

कहीं का न रहना

۱. तबाह-ओ-बर्बाद हो जाना, किसी गों का ना होना, किसी काम या जगह के लायक़ ना होना, ज़लील-ओ-रुस्वा हो जाना , मक़सद को ना पहुंचना

कहीं का न रखा

बेइज़्ज़त करना, बेआबरु करना

तत्ता कौर न निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

चुटके का खैये, उकटे का न खैये

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

न तीर न कमान नाहक़ का पठान

ज़बरदस्ती की हुकूमत जताने वाले के संबंध में कहते हैं

गोज़-ए-शुतुर ज़मीन का न आसमान का

बेतुकी बात तो बेतुकी है, न इधर की, न उधर की

साधू का देन न माधू का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

आसमान का रक्खा न ज़मीन का

नष्ट कर दिया, तबाह-ओ-बर्बाद कर दिया

क़ाबू का न होना

वश का न होना, अधिकार का न होना, कहने का न होना

नक्टे का खाए उकटे का न खिलाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

नक्टे का खाए उकटे का न खाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

पापी पाप का , भाई न बाप का

जिस को बदकारी की लत पड़ जाती है, वो रिश्ता का भी लिहाज़ नहीं करता, बदज़ात आदमी को शरारत से ग़रज़ है बाप भाई कोई भी हो

साधू का देन न माधौ का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

मसरफ़ का न रहना

इस्तिमाल का ना रहना, काम का ना रहना, काबिल-ए-इस्तेमाल ना होना

मसरफ़ का न होना

काम का न होना

नज़र का काम न करना

بینائی یا بصارت میں فرق آ جانا، اچھی طرح نظر نہ آنا

मैं अब कहीं का न रहा

मैं अब किसी की तरफ़ नहीं रहा, मैं अब किसी लायक़ नहीं रहा, अब मैं किसी को मुँह नहीं दिखा सकता

पास का कुत्ता न दूर का भाई

जो चीज़ निकट है वह बेहतर है। उपस्थित कुत्ता दूर के भाई से बेहतर है

तिनके का शर्मिंदा न होना

किसी का ज़र्रा भर सुलूक गवार ना करना

न इधर का न उधर का

۔کسی کام کا نہیں۔بیکار کی جگہ۔؎

तत्ता कौर निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

कुत्ता घर का रहा न घाट का

रुक : धोबी का कुत्ता, घर का ना घाट का

नकटे का खाए ओझे का न खाए

۔مثل۔ کمینہ کا احسانمند نہ ہونا چاہیے۔

मा'मूरी का निशान न रहना

आबादी का अस्तित्व शेष न रहना, चहल-पहल न होना

मींह का आँख न खोलना

लगातार बारिश होना, झड़ी लगना

फ़रिश्तों का वाक़िफ़ न होना

रुक : फ़रिश्तों को ख़बर ना होना

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