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ये उस से बीस है

ये इस से बढ़ कर है, फ़ाइक़ है

बासन से वही टपकता है जो उस में भरा है

घ‌ड़े में जो होगा वही टपकेगा, जिस्की बुद्धी जैसी होगी वैसी ही वाणी उसकी ज़बान पर आएगी

ये बात शराफ़त से ब'ईद है

शरीफ़ आदमी ऐसी बात नहीं करता

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

ये बिस की गाँठ है

बहुत शरीर और ुबरा आदमी है

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

जो बंदा-नवाज़ी करे जाँ उस पे फ़िदा है, बे-फ़ैज़ अगर यूसुफ़-ए-सानी है तो क्या है

जो व्यक्ति कृपा करे उस पर लोग जान न्योछावर करते हैं, अनुपकारी व्यक्ति किसी काम का नहीं होता

'इश्क़-ए-मजाज़ी से 'इश्क़-ए-हक़ीक़ी हासिल होता है

मानवप्रेम अर्थात नश्वरप्रेम अंत में ईश्वरप्रेम अर्थात वास्तविक प्रेम में परिवर्तित हो जाता है

शाख़-ए-हंतल से अंगूर मिलना ना-मुम्किन है

बुरे काम का बुरा फल, बुरे से अच्छाई की उम्मीद फ़ुज़ूल है

'इश्क़-ए-मजाज़ी से 'इश्क़-ए-हक़ीक़ी पैदा होता है

मानवप्रेम अर्थात नश्वरप्रेम अंत में ईश्वरप्रेम अर्थात वास्तविक प्रेम में परिवर्तित हो जाता है

आप की ज़बान नहर-ए-कौसर से धुली हुई है

आपका भाषा बहुत मीठी है, आप बहुत साफ़ सुथरी ज़बान बोलते हैं

ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला

सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ये उस से बीस है के अर्थदेखिए

ये उस से बीस है

ye us se biis haiیِہ اُس سے بِیس ہے

वाक्य

ये उस से बीस है के हिंदी अर्थ

  • ये इस से बढ़ कर है, फ़ाइक़ है

یِہ اُس سے بِیس ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • یہ اس سے بڑھ کر ہے ، فائق ہے

Urdu meaning of ye us se biis hai

  • Roman
  • Urdu

  • ye is se ba.Dh kar hai, faa.iq hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

ये उस से बीस है

ये इस से बढ़ कर है, फ़ाइक़ है

बासन से वही टपकता है जो उस में भरा है

घ‌ड़े में जो होगा वही टपकेगा, जिस्की बुद्धी जैसी होगी वैसी ही वाणी उसकी ज़बान पर आएगी

ये बात शराफ़त से ब'ईद है

शरीफ़ आदमी ऐसी बात नहीं करता

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

ये बिस की गाँठ है

बहुत शरीर और ुबरा आदमी है

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

जो बंदा-नवाज़ी करे जाँ उस पे फ़िदा है, बे-फ़ैज़ अगर यूसुफ़-ए-सानी है तो क्या है

जो व्यक्ति कृपा करे उस पर लोग जान न्योछावर करते हैं, अनुपकारी व्यक्ति किसी काम का नहीं होता

'इश्क़-ए-मजाज़ी से 'इश्क़-ए-हक़ीक़ी हासिल होता है

मानवप्रेम अर्थात नश्वरप्रेम अंत में ईश्वरप्रेम अर्थात वास्तविक प्रेम में परिवर्तित हो जाता है

शाख़-ए-हंतल से अंगूर मिलना ना-मुम्किन है

बुरे काम का बुरा फल, बुरे से अच्छाई की उम्मीद फ़ुज़ूल है

'इश्क़-ए-मजाज़ी से 'इश्क़-ए-हक़ीक़ी पैदा होता है

मानवप्रेम अर्थात नश्वरप्रेम अंत में ईश्वरप्रेम अर्थात वास्तविक प्रेम में परिवर्तित हो जाता है

आप की ज़बान नहर-ए-कौसर से धुली हुई है

आपका भाषा बहुत मीठी है, आप बहुत साफ़ सुथरी ज़बान बोलते हैं

ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला

सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा

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