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dele के लिए उर्दू शब्द
dele के देवनागरी में उर्दू अर्थ
क्रिया
- तबाअत: लफ़्ज़ ,हर्फ़ वग़ैरा को मतन से हज़फ़ करना या ख़ारिज करने की अलामत डालना।
संज्ञा
- हज़फ़ का निशान अलामत या हिदायत : इख़राज, क़लमज़दगी।
dele کے اردو معانی
فعل
- طباعت: لفظ ،حرف وغیرہ کو متن سے حذف کرنا یا خارج کرنے کی علامت ڈالنا۔.
اسم
- حذف کا نشان علامت یا ہدایت : اخراج، قلمزدگی۔.
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दिला
किसी पत्थर की सिल या चौके का बीच का हिस्सा, यानी हाशिया की हद छोड़कर बीच का हिस्सा, लकड़ी के तख़्ते के लिए भी यही शब्द बोला जाता है
दिली
दिल या हृदय से संबंध रखनेवाला। हार्दिक। जिससे बहुत अधिक अभिन्नता और घनिष्ठता हो। घनिष्ठ। जैसे दिली दोस्त।
दिल्ला
दरवाज़े के पल्ले के ढाँचे में कसा तथा जड़ा हुआ लकड़ी का एक चौकोर टुकड़ा जो दरवाज़े में शोभा बढ़ाने के लिए लगाया जाता है; दिलहा।
डले की चाँदी
ज़री, गोटे और बर्तनों को गला कर और उसकी ख़राबी दूर करके तैयार की हुई चाँदी, ज़्यादा साफ़ करके चौकोर शक्ल में बना लेते हैं तो डला या डली की चाँदी कहलाती है
डोली
स्त्रियों के बैठने की एक सवारी जिसे कहार कंधों पर उठाकर ले चलते हैं, उक्त सवारी में बैठकर दुल्हन अपने पति के घर जाती है, एक प्रकार की सवारी, पालकी, शिविका
दिल्ली की कमाई भंग के भाड़े में गँवाई
सारी उम्र की मेहनत बेकार गई, या मुफ़्त में माल बर्बाद करने की बात कहते हैं
दिल्ली में बारह बरस रह कर भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
दिल्ली में रह कर भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
दिल्ली में रह कर क्या भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
दिल्ली में रह कर भी भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
दिल्ली में रहे और भाड़ ही झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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