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और का

belonging to another

और का और

رک: اور سے اور

गाँव और का , नाँव और का

चीज़ किसी की और नाक किसी का, बेगानी चीज़ से अपनी शौहरत

रिझे का सिंघार और भूके का उधार

ऐसी चीज़ के मुताल्लिक़ कहते जो मालदार के लिए जे़ब-ओ-ज़ेबाइश और ग़ैरब के लिए बुरे वक़्त का सहारा हो

'अक़्ल का अंधा और गाँठ का पूरा

मूर्ख धनवान, बेवक़ूफ़ मालदार

'अक़्ल का अधूरा और गाँठ का पूरा

कम बुद्धिमान मगर धनी आदमी, मूर्ख धनवान

नक्टी का हारे और चपटी का जीते

बिल्ली और चपते में चपता ही जीतता है

नक्टी का हारे और चपती का जीते

बिल्ली और चपते में चपता ही जीतता है

मलंग का और बामनी का क्या साथ

दो ग़ैर जिन्स के मेल का नतीजा फ़साद ही होता है

'आशिक़ी और ख़ाला जी का घर

सोने में सुगंध, खाला यानी मौसी के घर जाने में किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं, किसी भी लड़की से वहाँ खुलकर प्रेम किया जा सकता है

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा

जिस मूर्ख एवं सीधे-सादे व्यक्ति को कोई बनिया बहका दे या जोगी एवं फ़क़ीर लोग किसी व्यक्ति को श्राप दे दें तो इन दोनों प्रकार के आदमीयों की मिट्टी ख़राब हो जाती है

आश्ती और जान जी का डर

محبت میں کسی بات کا خوف

झोंपड़ों का रहना और महलों का ख़्वाब

रुक : झून में रह मह के ख़ाब देखना

मुफ़्लिसी और फ़ाल्से का शर्बत

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

दाना खा मोठ का और पानी पी सोंठ का

अगर मोठ खाओ तो सोंठ का पानी पीना चाहिए अर्थात सोच समझ कर काम करना चाहिए

मुफ़्लिस और फ़ाल्से का शर्बत

रुक : मुफ़लिस और हॉट की सैर

अपना पूत और का धींग

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

डाल का चूका बंदर और बात का चूका आदमी नहीं सँभलता, डाल का चूका बंदर और बाँस का चूका नट

जो व्यक्ति अवसर खो देता है वह हानि उठाता है

डाल का चूका बंदर और बात का चूका आदमी नहीं सँभलता, डाल का चूका बंदर और बाँस का चूका नट

अवसर हाथ से जाता रहे तो फिर काम नहीं बनता

अपना पूत और का ढटींगड़ा

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

आप जानें और आप का काम

मैम समझा चूका आप स्वयं अच्छे भले के लिए उत्तरदायी हैं, समझाने की हद हो गई अब जैसा आपके मन में आऐ कीजिए (कार्य से छुटकारा होने के अवसर पर प्रयुक्त)

अपना पूत और का धींगड़ा

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

अपना बाला और का ढटींगर

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

सर का पाँव और पाँव का सर

उल्टी बात

अपना बाला और का धींग

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

नुक़्ता और शोशे का फ़र्क़

۔خفیف سا فرق(رویائے صادقہ) مجلس امتحان میں جاکر بیٹھےتو ایک نقطے اور شوشے کا بھی فرق نہ تھا۔ بڑی ناموری کے ساتھ پاس ہوئے۔

पैसा गाँठ का और बेटा पेट का

अपनी संपत्ति और अपना बेटा समय पर काम आते हैं

लड़ाई का घर हाँसी और रोग का घर खाँसी

लड़ाई का आरंभ हँसी-मज़ाक़ से होता है और बीमारी का खाँसी से

अपना बाला और का धींगड़ा

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

एक और दस का फ़र्क़

बहुत बड़ा अंतर

हाँ और भला का फ़र्क़

۔ ہاں اور جی دونوں لفظ ندائے قریب کے جواب میںبولے جاتے ہیں اور بھلا ندائے بعید کے جواب میں۔

चौरी का पहाड़ और मैल का बैल

रुक: मी्यल का बी्यल, बात बतंगड़, मामूली सी का बात की बहुत ज़्यादा एहमीयत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर मुस्तामल

गंगा और मदार का साथ

दो विरुद्ध चीज़ों का साथ; (संकेतात्मक) हिंदू और मुसलमानों की एकता

तह और फ़ी का फ़र्क़

۔’فی‘ ہمیشہ وہیں بولتے ہیںبجہاں چال، فریب اور پیچ کا پہلو مقصود ہوتا ہے اور ’تہ‘ کا استعمال وہاں بھی ہے جہاں صرف باریک اور پوشیدہ بات ہو جیسے یہ اُستاد کا کلام ہے۔ اس میں کچھ تہ ضرور ہے۔

दूध का दूध और पानी का पानी करना

झूठ और सच सामने आ गया, सही न्याय हुआ

ऊपर का धड़ भाई और नीचे का अलख़ुदाई

ऊपर से बड़ा दोस्त और अंदर से शत्रु

ऊपर का साँस ऊपर और नीचे का नीचे

अत्यधिक आश्चर्य या लज्जा या भय के कारण दम साध लेना, हक्का बक्का रह जाना

चले राँड का चर्ख़ा और बुरे का पेट

अभागी रांड को हर समय परिश्रम कर के भोजन करना पड़ता है और दुष्ट मनुष्य को असंयम होने की वजह से दस्त लगे रहते हैं

बनिये का मुँह ग्राह और पेट मोम

मगरमच्छ के मुँह में जो चीज़ आ जाए वह नहीं छूटती, बनिया भी ऐसा ही करता है और रुपया बचाने के लिए पेट के ख़ूराक अर्थात भोजन में भी कमी कर लेता है

घी जाट का और तेल हाथ का

घी गाँव से मँगवाया हुआ और तेल तेली की दूकान से लिया हुआ अच्छा होता है, क्योंकि गाँव का घी ताज़ा होता है और दूकान पर तेल कई दिन का होने के कारण साफ़ मिलता है

घी जाट का और तेल हाट का

घी गाँव से मँगवाया हुआ और तेल तेली की दूकान से लिया हुआ अच्छा होता है, क्योंकि गाँव का घी ताज़ा होता है और दूकान पर तेल कई दिन का होने के कारण साफ़ मिलता है

मर्द का हाथ फिरा और 'औरत उभरी

मर्द का हाथ लगने से औरत के चूची बढ़ने शुरू होते हैं

'अत्तार का शीशा और मदारी का पिटारा

उतार की बोतल और मदारी के पिटारे का कोई एतबार नहीं दोनों यकसाँ हैं, मदारी एक ही पिटारे में से सैंकड़ों खेल दिखाता है और बेईमान अत्तार एक ही बोतल में से हर किस्म का शर्बत या अर्क़ देता है

मर्द का हाथ फिरा और उभरी

मर्द के हाथ लगने से औरत जलद बढ़ती और जवान होती है

बृछ का साया और पुरुष का माया

दरख़्त का साया और इंसान का रसूख़ इन की अपनी अपनी ज़ात के साथ है

जल्दी काम शैतान का और देर का काम रहमान का

मनुष्य को सहूलत से काम करना चाहिये

जल^दी का काम शैतान का और देर का काम रह्मान का

रुक : जल्दी काम शैतान का

गंजी पनहारी और गोखरू का एंडवा

अपनी छमता से बढ़ कर काम करना, बोझ ले जाना मुश्किल हुआ

गंजी कोंजड़ी और गोखरू का एंडवा

कोई अपनी हक़ीक़त और हैसियत से बढ़ कर काम करे तो कहते हैं

गंजी पनहारी और गोखरू का हंडवा

अपनी छमता से बढ़ कर काम करना, बोझ ले जाना मुश्किल हुआ

नई बस्ती और अरंडी का फुलेल

निकम्मों को केवल निकम्मी वास्तु ही पसंद होती है, जैसी आत्मा वैसे स्वर्गदूत

जागते की कटिया और सोते का कटड़ा

होशियार व्यक्ति लाभ उठाता है और निश्चेत व्यक्ति हानि उठाता है

'आशिक़ी और मामूँ जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

आँख मिची और माल दोस्तों का

इधर थोड़ा चूक हुई और लोगों ने हानि पहुँचाया, चोर उचक्के उठाई गीरे अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं

गिरह का देना और जूतियाँ खानी

अपना पैसा भी ख़र्च करना और बेइज़्ज़ती भी सहना के मौक़ा पर मुस्तामल

सूझे नहीं और ग़ुलेल का शौक़

जिसके विचार अपनी हैसियत से बढ़ कर हों उसके संबंध में कहते हैं, शौक़ या दावा उस बात का जिसकी सामर्थ्य नहीं

सारी साहिबी और गुज का सोना

शेख़ी इस क़द्र और पास कुछ नहीं, टीप-टाप बहुत है मगर पास कुछ नहीं है सिर्फ़ दिखावा है

वक़्त का ग़ुलाम और वक़्त ही का बादशाह

जैसा अवसर हो वैसा काम करे, अवसर के अनुसार दास और राजा बन जाए

'आशिक़ी और ख़ाला जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

नामूस और 'इज़्ज़त का फ़र्क़

۔ عزت عام ہے ناموش خاص۔ ناموس اس راز پوشیدہ کو کہتے ہیں جو موجب عزت ہو۔ عزت ظاہر وباطن دونوں کو شامل ہے۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में और का के अर्थदेखिए

और का

aur kaaاَور کا

English meaning of aur kaa

  • belonging to another

Urdu meaning of aur kaa

  • Roman
  • Urdu

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और का

belonging to another

और का और

رک: اور سے اور

गाँव और का , नाँव और का

चीज़ किसी की और नाक किसी का, बेगानी चीज़ से अपनी शौहरत

रिझे का सिंघार और भूके का उधार

ऐसी चीज़ के मुताल्लिक़ कहते जो मालदार के लिए जे़ब-ओ-ज़ेबाइश और ग़ैरब के लिए बुरे वक़्त का सहारा हो

'अक़्ल का अंधा और गाँठ का पूरा

मूर्ख धनवान, बेवक़ूफ़ मालदार

'अक़्ल का अधूरा और गाँठ का पूरा

कम बुद्धिमान मगर धनी आदमी, मूर्ख धनवान

नक्टी का हारे और चपटी का जीते

बिल्ली और चपते में चपता ही जीतता है

नक्टी का हारे और चपती का जीते

बिल्ली और चपते में चपता ही जीतता है

मलंग का और बामनी का क्या साथ

दो ग़ैर जिन्स के मेल का नतीजा फ़साद ही होता है

'आशिक़ी और ख़ाला जी का घर

सोने में सुगंध, खाला यानी मौसी के घर जाने में किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं, किसी भी लड़की से वहाँ खुलकर प्रेम किया जा सकता है

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा

जिस मूर्ख एवं सीधे-सादे व्यक्ति को कोई बनिया बहका दे या जोगी एवं फ़क़ीर लोग किसी व्यक्ति को श्राप दे दें तो इन दोनों प्रकार के आदमीयों की मिट्टी ख़राब हो जाती है

आश्ती और जान जी का डर

محبت میں کسی بات کا خوف

झोंपड़ों का रहना और महलों का ख़्वाब

रुक : झून में रह मह के ख़ाब देखना

मुफ़्लिसी और फ़ाल्से का शर्बत

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

दाना खा मोठ का और पानी पी सोंठ का

अगर मोठ खाओ तो सोंठ का पानी पीना चाहिए अर्थात सोच समझ कर काम करना चाहिए

मुफ़्लिस और फ़ाल्से का शर्बत

रुक : मुफ़लिस और हॉट की सैर

अपना पूत और का धींग

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

डाल का चूका बंदर और बात का चूका आदमी नहीं सँभलता, डाल का चूका बंदर और बाँस का चूका नट

जो व्यक्ति अवसर खो देता है वह हानि उठाता है

डाल का चूका बंदर और बात का चूका आदमी नहीं सँभलता, डाल का चूका बंदर और बाँस का चूका नट

अवसर हाथ से जाता रहे तो फिर काम नहीं बनता

अपना पूत और का ढटींगड़ा

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

आप जानें और आप का काम

मैम समझा चूका आप स्वयं अच्छे भले के लिए उत्तरदायी हैं, समझाने की हद हो गई अब जैसा आपके मन में आऐ कीजिए (कार्य से छुटकारा होने के अवसर पर प्रयुक्त)

अपना पूत और का धींगड़ा

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

अपना बाला और का ढटींगर

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

सर का पाँव और पाँव का सर

उल्टी बात

अपना बाला और का धींग

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

नुक़्ता और शोशे का फ़र्क़

۔خفیف سا فرق(رویائے صادقہ) مجلس امتحان میں جاکر بیٹھےتو ایک نقطے اور شوشے کا بھی فرق نہ تھا۔ بڑی ناموری کے ساتھ پاس ہوئے۔

पैसा गाँठ का और बेटा पेट का

अपनी संपत्ति और अपना बेटा समय पर काम आते हैं

लड़ाई का घर हाँसी और रोग का घर खाँसी

लड़ाई का आरंभ हँसी-मज़ाक़ से होता है और बीमारी का खाँसी से

अपना बाला और का धींगड़ा

अपनी हर वस्तु प्यारी होती है और दूसरे की ख़राब, अपने बच्चे को कम-आयु और दूसरे के उसी आयु के बच्चे को जवान समझते हो

एक और दस का फ़र्क़

बहुत बड़ा अंतर

हाँ और भला का फ़र्क़

۔ ہاں اور جی دونوں لفظ ندائے قریب کے جواب میںبولے جاتے ہیں اور بھلا ندائے بعید کے جواب میں۔

चौरी का पहाड़ और मैल का बैल

रुक: मी्यल का बी्यल, बात बतंगड़, मामूली सी का बात की बहुत ज़्यादा एहमीयत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर मुस्तामल

गंगा और मदार का साथ

दो विरुद्ध चीज़ों का साथ; (संकेतात्मक) हिंदू और मुसलमानों की एकता

तह और फ़ी का फ़र्क़

۔’فی‘ ہمیشہ وہیں بولتے ہیںبجہاں چال، فریب اور پیچ کا پہلو مقصود ہوتا ہے اور ’تہ‘ کا استعمال وہاں بھی ہے جہاں صرف باریک اور پوشیدہ بات ہو جیسے یہ اُستاد کا کلام ہے۔ اس میں کچھ تہ ضرور ہے۔

दूध का दूध और पानी का पानी करना

झूठ और सच सामने आ गया, सही न्याय हुआ

ऊपर का धड़ भाई और नीचे का अलख़ुदाई

ऊपर से बड़ा दोस्त और अंदर से शत्रु

ऊपर का साँस ऊपर और नीचे का नीचे

अत्यधिक आश्चर्य या लज्जा या भय के कारण दम साध लेना, हक्का बक्का रह जाना

चले राँड का चर्ख़ा और बुरे का पेट

अभागी रांड को हर समय परिश्रम कर के भोजन करना पड़ता है और दुष्ट मनुष्य को असंयम होने की वजह से दस्त लगे रहते हैं

बनिये का मुँह ग्राह और पेट मोम

मगरमच्छ के मुँह में जो चीज़ आ जाए वह नहीं छूटती, बनिया भी ऐसा ही करता है और रुपया बचाने के लिए पेट के ख़ूराक अर्थात भोजन में भी कमी कर लेता है

घी जाट का और तेल हाथ का

घी गाँव से मँगवाया हुआ और तेल तेली की दूकान से लिया हुआ अच्छा होता है, क्योंकि गाँव का घी ताज़ा होता है और दूकान पर तेल कई दिन का होने के कारण साफ़ मिलता है

घी जाट का और तेल हाट का

घी गाँव से मँगवाया हुआ और तेल तेली की दूकान से लिया हुआ अच्छा होता है, क्योंकि गाँव का घी ताज़ा होता है और दूकान पर तेल कई दिन का होने के कारण साफ़ मिलता है

मर्द का हाथ फिरा और 'औरत उभरी

मर्द का हाथ लगने से औरत के चूची बढ़ने शुरू होते हैं

'अत्तार का शीशा और मदारी का पिटारा

उतार की बोतल और मदारी के पिटारे का कोई एतबार नहीं दोनों यकसाँ हैं, मदारी एक ही पिटारे में से सैंकड़ों खेल दिखाता है और बेईमान अत्तार एक ही बोतल में से हर किस्म का शर्बत या अर्क़ देता है

मर्द का हाथ फिरा और उभरी

मर्द के हाथ लगने से औरत जलद बढ़ती और जवान होती है

बृछ का साया और पुरुष का माया

दरख़्त का साया और इंसान का रसूख़ इन की अपनी अपनी ज़ात के साथ है

जल्दी काम शैतान का और देर का काम रहमान का

मनुष्य को सहूलत से काम करना चाहिये

जल^दी का काम शैतान का और देर का काम रह्मान का

रुक : जल्दी काम शैतान का

गंजी पनहारी और गोखरू का एंडवा

अपनी छमता से बढ़ कर काम करना, बोझ ले जाना मुश्किल हुआ

गंजी कोंजड़ी और गोखरू का एंडवा

कोई अपनी हक़ीक़त और हैसियत से बढ़ कर काम करे तो कहते हैं

गंजी पनहारी और गोखरू का हंडवा

अपनी छमता से बढ़ कर काम करना, बोझ ले जाना मुश्किल हुआ

नई बस्ती और अरंडी का फुलेल

निकम्मों को केवल निकम्मी वास्तु ही पसंद होती है, जैसी आत्मा वैसे स्वर्गदूत

जागते की कटिया और सोते का कटड़ा

होशियार व्यक्ति लाभ उठाता है और निश्चेत व्यक्ति हानि उठाता है

'आशिक़ी और मामूँ जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

आँख मिची और माल दोस्तों का

इधर थोड़ा चूक हुई और लोगों ने हानि पहुँचाया, चोर उचक्के उठाई गीरे अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं

गिरह का देना और जूतियाँ खानी

अपना पैसा भी ख़र्च करना और बेइज़्ज़ती भी सहना के मौक़ा पर मुस्तामल

सूझे नहीं और ग़ुलेल का शौक़

जिसके विचार अपनी हैसियत से बढ़ कर हों उसके संबंध में कहते हैं, शौक़ या दावा उस बात का जिसकी सामर्थ्य नहीं

सारी साहिबी और गुज का सोना

शेख़ी इस क़द्र और पास कुछ नहीं, टीप-टाप बहुत है मगर पास कुछ नहीं है सिर्फ़ दिखावा है

वक़्त का ग़ुलाम और वक़्त ही का बादशाह

जैसा अवसर हो वैसा काम करे, अवसर के अनुसार दास और राजा बन जाए

'आशिक़ी और ख़ाला जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

नामूस और 'इज़्ज़त का फ़र्क़

۔ عزت عام ہے ناموش خاص۔ ناموس اس راز پوشیدہ کو کہتے ہیں جو موجب عزت ہو۔ عزت ظاہر وباطن دونوں کو شامل ہے۔

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