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जीने का क्या भरोसा है

ज़िंदगी का क्या भरोसा है

क्या ज़िंदगी का भरोसा है

ज़िंदगी का कुछ एतबार नहीं

जीने का भरोसा

ज़िंदगी का भरोसा

ज़िंदगी का क्या भरोसा

जीवन का कोई भरोसा नहीं

क्या दम का भरोसा है

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं है

हस्ती का क्या भरोसा

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं, किसी भी समय मौत आ सकती है

क्या भरोसा है ज़िंदगानी का, आदमी बुलबुला है पानी का

मनुष्य का जीवन पानी के बुलबुले की तरह नश्वर है

काया माया का क्या भरोसा है

ज़िंदगी और दौलत का कोई एतबार नहीं

क्या भरोसा है

कोई एतबार नहीं, नाक़ाबिल एतबार, कुछ ठिकाना नहीं, एतबार के काबिल नहीं

दम का क्या भरोसा है, आया न आया

जीवन का कोई भरोसा नहीं

ख़ुदा की ज़ात का भरोसा है

अल्लाह का सहारा या आसरा है

जूता पहले साई का , बड़ा भरोसा ब्याही का ,जूता पहने नरी का , क्या भरोसा करी का

साई का जूता और ब्याही बीवी काबिल-ए-एतिबार होती है बाज़ारी जूती और आश्ना औरत का कोई एतबार नहीं

क्या मुँह का निवाला है

लंबे समय तक याद रखेंगे या कृपालु रहेंगे, मुद्दत तक याद रखेंगे या एहसानमंद रहेंगे

किसी का क्या है

किसी का क्या इजारा है

जान का क्या भरोसा

ज़िंदगी का क्या एतबार

दम का क्या भरोसा

जीवन का कुछ भरोसा नहीं

क्या गोमती का पानी पिया है

सामान्यतया उस व्यक्ति के प्रति कहते हैं जो महिलाओं जैसी बातें करता है

क्या मुँह का निवाला है

क्या कोई आसान काम है, ये काम मुश्किल है देर तलब है, ये काम कुछ आसान नहीं है

क्या साँप का पाँव देखा है

जब कोई असंभव बात हो तो व्यंग में कहते हैं

सलामत रहे बहू जिस का बड़ा भरोसा है

हिंदूओं में बेटे और पोते का होना क्रिया-कर्म के लिए बहुत आवश्यक समझा जाता है इस लिए हर सास अपनी बहू की सलामती चाहती है

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

आदमी क्या है, सरांचे का बाँस है

बहुत लंबा आदमी है, बहुत लंबे आदमी पर उपहास है

आप का क्या बिगड़ता है

आप को क्या आपत्ति है, आप का क्या नुक़्सान या हानि होता है, आप को क्यों अप्रिय है

क्या दाल भात का निवाला है

आसान काम नहीं है, कोई मामूली बात नहीं है

आप का क्या पूछना है

संबोधन करने वाला बहुत ही मूर्ख है, बेवक़ूफ़ है

आप का इस में क्या बिगड़ता है

आपका क्या नुक़्सान है

नौकरी क्या है ख़ाला जी का घर है

रुक : नौकरी ख़ाला जी का घर नहीं

आदमी क्या है, सौ इंच का बाँस है

बहुत लंबा आदमी है, बहुत लंबे आदमी पर उपहास है

दुनिया का अभी क्या देखा है

कम उम्र है, अनुभवहीन है, बच्चा है

क्या गूँगे का गुड़ खाया है

क्यूँ नहीं बोलते, क्यूँ चुप्पी साध ली है, किस लिए गूँगे से बन गए हो

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

अपनी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

क्या सुरख़ाब का पर लगा है

क्या आपको कोई विशेष गुण मिला है, क्या कोई अनोखी या दुर्लभ चीज़ है

क्या सर्राफ़े का टका है

मुफ़्त का माल समझ कर बेदिरेग़ ख़र्च करना किसी तरह मुनासिब नहीं, बलामहनत हासिल करदा सरमाया सही लेकिन ये फुज़ूलखर्ची मुनासिब नहीं

शुग़्ल बेहतर है 'इश्क़-बाज़ी का, क्या हक़ीक़ी व क्या मजाज़ी का

इश्क़ करना बहुत अच्छा है, चाहे वह किसी क़िस्म का हो

क्या तुम्हारे सुर्ख़ाब का पर लगा है

क्या तुम्हीं सबसे बढ़ कर हो

उसकी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

आज कल उस की बात का क्या ए'तिबार है

दुख एवं शोक के कारण उसकी बुद्धि ठिकाने नहीं

करना और ख़ुदा का क्या होता है

۔کیا واقعہ پیش آتا ہے۔ عجیب واقعہ پیش آتا ہے۔

ज़ाहिद का क्या ख़ुदा है हमारा ख़ुदा नहीं

ईश्वर सभी पर समान रूप से कृपालु है

आप का क्या लेता है

आप को क्या आपत्ति है, आप का क्या नुक़्सान या हानि होता है, आप को क्यों अप्रिय है

मर्द का क्या है एक जूती पहनी एक उतार दी

मर्द जब चाहे औरत को तलाक़ दे दे, मर्द के नज़दीक औरत की हैसियत जूती की सी है

यही भरोसा ठीक है कि दाता दे तो लूँ, औरों का कर आसरा जी तरसावे क्यूँ

किसी से अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए, ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए, ईश्वर पर आसरा करना चाहिए

चार पाँव का घोड़ा चौंकता है, दो पाँव का आदमी क्या बला है

आदमी के लिए ठोकर खाना साधारण बात है, मनुष्य धोखा खा जाता है

चार पाँव का घोड़ा चौंकता है, दो पाँव का आदमी क्या बला है

आदमी के लिए ठोकर खाना साधारण बात है, आदमी से भूल-चूक हो जाती है

आप का क्या जाता है

आप का क्या बिगड़ता है

बावा का क्या इजारा है

किसी को भी हमारे कार्यों को रोकने का अधिकार नहीं है

चार पाँव का घोड़ा चौकन्ना है, दो पाँव का आदमी क्या बला है

आदमी के लिए ठोकर खाना साधारण बात है, आदमी से भूल-चूक हो जाती है

क़तरा का चूका घड़े ढलकाए तो क्या होता है

काम का वक़्त निकल जाने के बाद लाख उपाय किया जाए मगर कोई फ़ायद नहीं होता

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपना सम्मान अपने मुँह से नहीं हुआ करता

क्या तमाशे की बात है जिस का जाए वो चोर कहलाए

जिसका नुक़्सान हो उसके सिर पर आरोप हो, पुलिस वाले जब चोरी का सुराग़ न मिले तो ये सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि वादी ने सामान इधर-उधर कर दिया

तेरे बाप का क्या इजारा है

तो क्यों हस्तक्षेप करता है, तो हस्तक्षेप करने वाला कौन?

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

बाप का क्या बेटे के आगे आता है

बाप के आमाल बद का ख़मयाज़ा बेटे को भुगतना पड़ता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जीने का क्या भरोसा है के अर्थदेखिए

जीने का क्या भरोसा है

jiine kaa kiyaa bharosa haiجِینے کا کِیا بَھروسہ ہے

जीने का क्या भरोसा है के हिंदी अर्थ

  • ज़िंदगी का क्या भरोसा है

جِینے کا کِیا بَھروسہ ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • زندگی کا کیا اعتبار ہے

Urdu meaning of jiine kaa kiyaa bharosa hai

  • Roman
  • Urdu

  • zindgii ka kyaa etbaar hai

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जीने का क्या भरोसा है

ज़िंदगी का क्या भरोसा है

क्या ज़िंदगी का भरोसा है

ज़िंदगी का कुछ एतबार नहीं

जीने का भरोसा

ज़िंदगी का भरोसा

ज़िंदगी का क्या भरोसा

जीवन का कोई भरोसा नहीं

क्या दम का भरोसा है

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं है

हस्ती का क्या भरोसा

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं, किसी भी समय मौत आ सकती है

क्या भरोसा है ज़िंदगानी का, आदमी बुलबुला है पानी का

मनुष्य का जीवन पानी के बुलबुले की तरह नश्वर है

काया माया का क्या भरोसा है

ज़िंदगी और दौलत का कोई एतबार नहीं

क्या भरोसा है

कोई एतबार नहीं, नाक़ाबिल एतबार, कुछ ठिकाना नहीं, एतबार के काबिल नहीं

दम का क्या भरोसा है, आया न आया

जीवन का कोई भरोसा नहीं

ख़ुदा की ज़ात का भरोसा है

अल्लाह का सहारा या आसरा है

जूता पहले साई का , बड़ा भरोसा ब्याही का ,जूता पहने नरी का , क्या भरोसा करी का

साई का जूता और ब्याही बीवी काबिल-ए-एतिबार होती है बाज़ारी जूती और आश्ना औरत का कोई एतबार नहीं

क्या मुँह का निवाला है

लंबे समय तक याद रखेंगे या कृपालु रहेंगे, मुद्दत तक याद रखेंगे या एहसानमंद रहेंगे

किसी का क्या है

किसी का क्या इजारा है

जान का क्या भरोसा

ज़िंदगी का क्या एतबार

दम का क्या भरोसा

जीवन का कुछ भरोसा नहीं

क्या गोमती का पानी पिया है

सामान्यतया उस व्यक्ति के प्रति कहते हैं जो महिलाओं जैसी बातें करता है

क्या मुँह का निवाला है

क्या कोई आसान काम है, ये काम मुश्किल है देर तलब है, ये काम कुछ आसान नहीं है

क्या साँप का पाँव देखा है

जब कोई असंभव बात हो तो व्यंग में कहते हैं

सलामत रहे बहू जिस का बड़ा भरोसा है

हिंदूओं में बेटे और पोते का होना क्रिया-कर्म के लिए बहुत आवश्यक समझा जाता है इस लिए हर सास अपनी बहू की सलामती चाहती है

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

आदमी क्या है, सरांचे का बाँस है

बहुत लंबा आदमी है, बहुत लंबे आदमी पर उपहास है

आप का क्या बिगड़ता है

आप को क्या आपत्ति है, आप का क्या नुक़्सान या हानि होता है, आप को क्यों अप्रिय है

क्या दाल भात का निवाला है

आसान काम नहीं है, कोई मामूली बात नहीं है

आप का क्या पूछना है

संबोधन करने वाला बहुत ही मूर्ख है, बेवक़ूफ़ है

आप का इस में क्या बिगड़ता है

आपका क्या नुक़्सान है

नौकरी क्या है ख़ाला जी का घर है

रुक : नौकरी ख़ाला जी का घर नहीं

आदमी क्या है, सौ इंच का बाँस है

बहुत लंबा आदमी है, बहुत लंबे आदमी पर उपहास है

दुनिया का अभी क्या देखा है

कम उम्र है, अनुभवहीन है, बच्चा है

क्या गूँगे का गुड़ खाया है

क्यूँ नहीं बोलते, क्यूँ चुप्पी साध ली है, किस लिए गूँगे से बन गए हो

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

अपनी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

क्या सुरख़ाब का पर लगा है

क्या आपको कोई विशेष गुण मिला है, क्या कोई अनोखी या दुर्लभ चीज़ है

क्या सर्राफ़े का टका है

मुफ़्त का माल समझ कर बेदिरेग़ ख़र्च करना किसी तरह मुनासिब नहीं, बलामहनत हासिल करदा सरमाया सही लेकिन ये फुज़ूलखर्ची मुनासिब नहीं

शुग़्ल बेहतर है 'इश्क़-बाज़ी का, क्या हक़ीक़ी व क्या मजाज़ी का

इश्क़ करना बहुत अच्छा है, चाहे वह किसी क़िस्म का हो

क्या तुम्हारे सुर्ख़ाब का पर लगा है

क्या तुम्हीं सबसे बढ़ कर हो

उसकी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

आज कल उस की बात का क्या ए'तिबार है

दुख एवं शोक के कारण उसकी बुद्धि ठिकाने नहीं

करना और ख़ुदा का क्या होता है

۔کیا واقعہ پیش آتا ہے۔ عجیب واقعہ پیش آتا ہے۔

ज़ाहिद का क्या ख़ुदा है हमारा ख़ुदा नहीं

ईश्वर सभी पर समान रूप से कृपालु है

आप का क्या लेता है

आप को क्या आपत्ति है, आप का क्या नुक़्सान या हानि होता है, आप को क्यों अप्रिय है

मर्द का क्या है एक जूती पहनी एक उतार दी

मर्द जब चाहे औरत को तलाक़ दे दे, मर्द के नज़दीक औरत की हैसियत जूती की सी है

यही भरोसा ठीक है कि दाता दे तो लूँ, औरों का कर आसरा जी तरसावे क्यूँ

किसी से अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए, ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए, ईश्वर पर आसरा करना चाहिए

चार पाँव का घोड़ा चौंकता है, दो पाँव का आदमी क्या बला है

आदमी के लिए ठोकर खाना साधारण बात है, मनुष्य धोखा खा जाता है

चार पाँव का घोड़ा चौंकता है, दो पाँव का आदमी क्या बला है

आदमी के लिए ठोकर खाना साधारण बात है, आदमी से भूल-चूक हो जाती है

आप का क्या जाता है

आप का क्या बिगड़ता है

बावा का क्या इजारा है

किसी को भी हमारे कार्यों को रोकने का अधिकार नहीं है

चार पाँव का घोड़ा चौकन्ना है, दो पाँव का आदमी क्या बला है

आदमी के लिए ठोकर खाना साधारण बात है, आदमी से भूल-चूक हो जाती है

क़तरा का चूका घड़े ढलकाए तो क्या होता है

काम का वक़्त निकल जाने के बाद लाख उपाय किया जाए मगर कोई फ़ायद नहीं होता

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपना सम्मान अपने मुँह से नहीं हुआ करता

क्या तमाशे की बात है जिस का जाए वो चोर कहलाए

जिसका नुक़्सान हो उसके सिर पर आरोप हो, पुलिस वाले जब चोरी का सुराग़ न मिले तो ये सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि वादी ने सामान इधर-उधर कर दिया

तेरे बाप का क्या इजारा है

तो क्यों हस्तक्षेप करता है, तो हस्तक्षेप करने वाला कौन?

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

बाप का क्या बेटे के आगे आता है

बाप के आमाल बद का ख़मयाज़ा बेटे को भुगतना पड़ता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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