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किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

मुँह किस का है

۔کسی کا حوصلہ نہیں۔ کسی کی مجال نہیں۔ ؎

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

मान का आँकस ज्ञान है

इलम से एतिक़ाद और यक़ीन पैदा होता है

आज किस का मुँह देखा है

जब सारा दिन परेशानी में गुज़रे तो यह कहा जाता है

मान का बीड़ा समान है

इज़्ज़त के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, इज़्ज़त की थोड़ी चीज़ भी अहम है

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

किस धान का चाँवल है

किस बाग़ की मूली है

मान का पान भी ग़नीमत है

इज़्ज़त के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत होता है , थोड़ा सा पूछ लेना भी ग़नीमत है

मान का पान भी बहुत है

सम्मान के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, सम्मान की थोड़ी चीज़ भी महत्वपूर्ण है

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

किस दिन के लिए उठा रखा है

कब के लिए मुल्तवी किया है, कुर्ते क्यों नहीं

मान का पान बहुत होता है

सम्मान के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, सम्मान की थोड़ी चीज़ भी महत्वपूर्ण है

मान का पान भी बहुत होता है

सम्मान के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, सम्मान की थोड़ी चीज़ भी महत्वपूर्ण है

किस चक्की का पीसा खाया है

۔(عو) زیادہ موٹے آدمی سے کہتی ہیں۔ کس چَکّی کے آٹے کی تاثیر ہے جو ایسے موٹے ہوگئے ہو۔

किस चक्की का पिसा खाया है

किसी की अच्छी सेहत को देख कर कहा जाता है

ख़ुदा के घर में किस का इजारा

ईश्वर के घर में किसी के जाने पर आपत्ति नहीं

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है

۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

ख़ुदा के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर के पास सब कुछ है, ईश्वर सब कुछ दे सकता है

किस शख़्स का मुँह देख के उठा हूँ

जब किसी दिन तकलीफों पर तकलीफें पेश आएं तो कहते हैं यानी सुबह पहले पहल किस मनहूस का मुँह देखा था

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

आज किस का मुँह देख के उठा हूँ

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

किस बला का है

ग़ज़ब का है, इंतिहा का है, बहुत ज़्यादा है (ख़ूबी या बुराई की ज़्यादती के इज़हार के लिए मुस्तामल)

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

आप का सर बजाए क़ुरआन के है

तुम्हारे सर की क़सम

यार वही है पक्का जिस ने मान यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

ख़ाला का रुत्बा माँ के बराबर है

خالہ کی عزت ماں جنتی ہونی چاہئے .

बाप का क्या बेटे के आगे आता है

बाप के आमाल बद का ख़मयाज़ा बेटे को भुगतना पड़ता है

हज्जाम के आगे सब का सर झुकता है

कुछ काम हर एक को मजबूरी में करने पड़ते हैं

सेह बंदी के प्यादे का आगा पीछा बराबर है

चंद रोज़ा हाकिम की कोई इज़्ज़त और रोब-ओ-दबदबा नहीं होता, ना पाएदार का अदम-ए-वजूद बराबर है

आप की 'उमर का दामन क़यामत के दामन से बंद है

लंबी आयू हो

मुर्ग़ी के लिये तकले का ज़ख़्म भी बहुत होता है

रुक : मुर्ग़ी को तकले का घाओ बस अलख

भैंस का गोबर भैंस के चूतड़ों को लग जाता है

गो बड़े आदमीयों की आमदनी बहुत होती है परंतु सब ख़र्च हो जाती है

पक्के आम के टपकने का डर रहता है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

आम के टपकने का डर है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

बंडे के कचालो किस निर्ख़ पर बिकते हैं

आप की सलाहीयत और क़ाबिलीयत कितनी है

जोगी किस के मीत होते हैं

जोगी की मित्रता का कोई भरोसा नहीं, वह सदा यहाँ वहाँ घूमता-फिरता रहता है

किस जनम के काले तिल चाबे हैं

अब तक बाल सफ़ैद नहीं हुए

क़ब्र का मुँह झाँक कर आए हैं, मर के बचे हैं

मौत के मुँह से बचकर आए हैं, मुश्किल से जान बची है

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

तुलसी पैसा पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोए

गाँठ का पैसा ही काम आता है

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

'इल्म का पढ़ना लोहे के चने चबाने हैं

ज्ञान प्राप्त करना बहुत मुश्किल है

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किस के मान का है के अर्थदेखिए

किस के मान का है

kis ke maan kaa haiکِس کے مان کا ہے

वाक्य

टैग्ज़: अवामी

किस के मान का है के हिंदी अर्थ

  • किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

کِس کے مان کا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کی نہیں مانتا یعنی کس کے قابو اور اختیار کا نہیں.

Urdu meaning of kis ke maan kaa hai

  • Roman
  • Urdu

  • kisii kii nahii.n maanata yaanii kis ke qaabuu aur iKhatiyaar ka nahii.n

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किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

मुँह किस का है

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۔۔ किसे ताक़त है।

मान का आँकस ज्ञान है

इलम से एतिक़ाद और यक़ीन पैदा होता है

आज किस का मुँह देखा है

जब सारा दिन परेशानी में गुज़रे तो यह कहा जाता है

मान का बीड़ा समान है

इज़्ज़त के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, इज़्ज़त की थोड़ी चीज़ भी अहम है

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

किस धान का चाँवल है

किस बाग़ की मूली है

मान का पान भी ग़नीमत है

इज़्ज़त के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत होता है , थोड़ा सा पूछ लेना भी ग़नीमत है

मान का पान भी बहुत है

सम्मान के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, सम्मान की थोड़ी चीज़ भी महत्वपूर्ण है

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

किस दिन के लिए उठा रखा है

कब के लिए मुल्तवी किया है, कुर्ते क्यों नहीं

मान का पान बहुत होता है

सम्मान के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, सम्मान की थोड़ी चीज़ भी महत्वपूर्ण है

मान का पान भी बहुत होता है

सम्मान के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत है, सम्मान की थोड़ी चीज़ भी महत्वपूर्ण है

किस चक्की का पीसा खाया है

۔(عو) زیادہ موٹے آدمی سے کہتی ہیں۔ کس چَکّی کے آٹے کی تاثیر ہے جو ایسے موٹے ہوگئے ہو۔

किस चक्की का पिसा खाया है

किसी की अच्छी सेहत को देख कर कहा जाता है

ख़ुदा के घर में किस का इजारा

ईश्वर के घर में किसी के जाने पर आपत्ति नहीं

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है

۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

ख़ुदा के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर के पास सब कुछ है, ईश्वर सब कुछ दे सकता है

किस शख़्स का मुँह देख के उठा हूँ

जब किसी दिन तकलीफों पर तकलीफें पेश आएं तो कहते हैं यानी सुबह पहले पहल किस मनहूस का मुँह देखा था

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

आज किस का मुँह देख के उठा हूँ

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

किस बला का है

ग़ज़ब का है, इंतिहा का है, बहुत ज़्यादा है (ख़ूबी या बुराई की ज़्यादती के इज़हार के लिए मुस्तामल)

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

आप का सर बजाए क़ुरआन के है

तुम्हारे सर की क़सम

यार वही है पक्का जिस ने मान यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

ख़ाला का रुत्बा माँ के बराबर है

خالہ کی عزت ماں جنتی ہونی چاہئے .

बाप का क्या बेटे के आगे आता है

बाप के आमाल बद का ख़मयाज़ा बेटे को भुगतना पड़ता है

हज्जाम के आगे सब का सर झुकता है

कुछ काम हर एक को मजबूरी में करने पड़ते हैं

सेह बंदी के प्यादे का आगा पीछा बराबर है

चंद रोज़ा हाकिम की कोई इज़्ज़त और रोब-ओ-दबदबा नहीं होता, ना पाएदार का अदम-ए-वजूद बराबर है

आप की 'उमर का दामन क़यामत के दामन से बंद है

लंबी आयू हो

मुर्ग़ी के लिये तकले का ज़ख़्म भी बहुत होता है

रुक : मुर्ग़ी को तकले का घाओ बस अलख

भैंस का गोबर भैंस के चूतड़ों को लग जाता है

गो बड़े आदमीयों की आमदनी बहुत होती है परंतु सब ख़र्च हो जाती है

पक्के आम के टपकने का डर रहता है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

आम के टपकने का डर है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

बंडे के कचालो किस निर्ख़ पर बिकते हैं

आप की सलाहीयत और क़ाबिलीयत कितनी है

जोगी किस के मीत होते हैं

जोगी की मित्रता का कोई भरोसा नहीं, वह सदा यहाँ वहाँ घूमता-फिरता रहता है

किस जनम के काले तिल चाबे हैं

अब तक बाल सफ़ैद नहीं हुए

क़ब्र का मुँह झाँक कर आए हैं, मर के बचे हैं

मौत के मुँह से बचकर आए हैं, मुश्किल से जान बची है

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

तुलसी पैसा पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोए

गाँठ का पैसा ही काम आता है

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

'इल्म का पढ़ना लोहे के चने चबाने हैं

ज्ञान प्राप्त करना बहुत मुश्किल है

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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