खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"किस किस दुख को रोएँ" शब्द से संबंधित परिणाम

किस किस दुख को रोएँ

which of my numerous grievances can I air?

किस को

۔کس شخص کو۔

किस किस दुख को झेला है

तरह तरह की तक्लीफ़े उठाई हैं

किस काफ़िर को ए'तिबार होगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آئے گا۔ ؎

तस्बीह फेरूँ, किस को घेरूँ

'इबादत-ए-रियाई, ऐसी 'इबादत करना जिस में मकर-ओ-फ़रेब हो

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

किस की माँ को माँ कहें

ग़रीब और यतीम बच्चे की निसबत कहते हैं, पहले अनुमानों में मुस्तामल था कि अगर माँ ना हो तो हम किस की माँ को माँ बनाते मगर रफ़्ता रफ़्ता आम और बच्चों के लिए मख़सूस हो गया, यानी कोई फ़र्याद रस नहीं

रोना गाना किस को नहीं आता

थोड़ा बहुत सबगा लेते हैं, उस वक़्त मुस्तामल जब कोई किसी से गाने की फ़र्माइश करे

गाना रोना, किस को नहीं आता

ऐसी बातें सब जानते हैं, दुख और सुख से सब प्रभावित होते हैं

किस बला को पीछे लगा दिया

۔(عو) جب کسی ضِدّی یا شریر سے پالا پڑتا ہے۔ یہ فقرہ زبان پر لاتی ہیں یعنی کیسے عذاب میں پھنس گئے۔

साहिब को किस ने बुलाया है

दोस्त अरसा-ए-दराज़ के बाद मुलाक़ात के वक़्त इज़हार-ए-इश्तियाक़-ओ-शिकायत के तौर पर मुस्तामल

बंगाली जो आदमी तो प्रेत कहो किस को

बंगाली यदि मनुष्य है तो भूत कौन है

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آنے کی جگہ۔ ؎

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

किसी को विश्वास नहीं होगा, कोई भरोसा नहीं करेगा

आप को किस ने बुलाया है

किसी निःसंकोच मित्र या साथी के बहुत दिन में सूरत दिखाने के अवसर पर उलाहना देने के लिए प्रयुक्त

किस दिन को उठा रखा है

کب کے لئے ملتوی کیا ہے۔ ابھی کیوں نہیں کرتے یا کہتے۔ ؎ ؎ دیکھو اُٹھا رکھنا۔

गाना और रोना, किस को नहीं आता

ऐसी बातें सब जानते हैं, दुख और सुख से सब प्रभावित होते हैं

किस बला को पीछे लगा लिया है

(ओ) किसी ज़िद्दी या शरीर आदमी से वास्ता पड़ने पर कहते हैं, किस अज़ाब में फंस गए

मिस्सी काजल किस को, मियाँ चले भुस को

जब संरक्षक न हो तो हुनर बेकार है, वो स्वयं कंगाल है दूसरों को क्या देगा

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

मछली के बच्चे को पैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मछली के बच्चे को तैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

कमाऊ को किस ने न चाहा

जिससे फ़ायदा हो वह प्रिय होता है

सौकन जाया किस को भाया

सौतन की बच्चों से प्यार नहीं होती

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किस किस दुख को रोएँ के अर्थदेखिए

किस किस दुख को रोएँ

kis kis dukh ko ro.e.nکِس کِس دُکھ کو روئیں

English meaning of kis kis dukh ko ro.e.n

  • which of my numerous grievances can I air?

Urdu meaning of kis kis dukh ko ro.e.n

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

किस किस दुख को रोएँ

which of my numerous grievances can I air?

किस को

۔کس شخص کو۔

किस किस दुख को झेला है

तरह तरह की तक्लीफ़े उठाई हैं

किस काफ़िर को ए'तिबार होगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آئے گا۔ ؎

तस्बीह फेरूँ, किस को घेरूँ

'इबादत-ए-रियाई, ऐसी 'इबादत करना जिस में मकर-ओ-फ़रेब हो

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

किस की माँ को माँ कहें

ग़रीब और यतीम बच्चे की निसबत कहते हैं, पहले अनुमानों में मुस्तामल था कि अगर माँ ना हो तो हम किस की माँ को माँ बनाते मगर रफ़्ता रफ़्ता आम और बच्चों के लिए मख़सूस हो गया, यानी कोई फ़र्याद रस नहीं

रोना गाना किस को नहीं आता

थोड़ा बहुत सबगा लेते हैं, उस वक़्त मुस्तामल जब कोई किसी से गाने की फ़र्माइश करे

गाना रोना, किस को नहीं आता

ऐसी बातें सब जानते हैं, दुख और सुख से सब प्रभावित होते हैं

किस बला को पीछे लगा दिया

۔(عو) جب کسی ضِدّی یا شریر سے پالا پڑتا ہے۔ یہ فقرہ زبان پر لاتی ہیں یعنی کیسے عذاب میں پھنس گئے۔

साहिब को किस ने बुलाया है

दोस्त अरसा-ए-दराज़ के बाद मुलाक़ात के वक़्त इज़हार-ए-इश्तियाक़-ओ-शिकायत के तौर पर मुस्तामल

बंगाली जो आदमी तो प्रेत कहो किस को

बंगाली यदि मनुष्य है तो भूत कौन है

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آنے کی جگہ۔ ؎

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

किसी को विश्वास नहीं होगा, कोई भरोसा नहीं करेगा

आप को किस ने बुलाया है

किसी निःसंकोच मित्र या साथी के बहुत दिन में सूरत दिखाने के अवसर पर उलाहना देने के लिए प्रयुक्त

किस दिन को उठा रखा है

کب کے لئے ملتوی کیا ہے۔ ابھی کیوں نہیں کرتے یا کہتے۔ ؎ ؎ دیکھو اُٹھا رکھنا۔

गाना और रोना, किस को नहीं आता

ऐसी बातें सब जानते हैं, दुख और सुख से सब प्रभावित होते हैं

किस बला को पीछे लगा लिया है

(ओ) किसी ज़िद्दी या शरीर आदमी से वास्ता पड़ने पर कहते हैं, किस अज़ाब में फंस गए

मिस्सी काजल किस को, मियाँ चले भुस को

जब संरक्षक न हो तो हुनर बेकार है, वो स्वयं कंगाल है दूसरों को क्या देगा

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

मछली के बच्चे को पैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मछली के बच्चे को तैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

कमाऊ को किस ने न चाहा

जिससे फ़ायदा हो वह प्रिय होता है

सौकन जाया किस को भाया

सौतन की बच्चों से प्यार नहीं होती

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (किस किस दुख को रोएँ)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

किस किस दुख को रोएँ

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone