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"न मरता है , न जीता है" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में न मरता है , न जीता है के अर्थदेखिए
न मरता है , न जीता है के हिंदी अर्थ
- सख़्त अज़ीयत में है , ना जान निकलती है ना सेहत याब होता है, बहुत बेहाल है
نَہ مَرتا ہے ، نَہ جِیتا ہے کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- سخت اذیت میں ہے ؛ نہ جان نکلتی ہے نہ صحت یاب ہوتا ہے ، بہت بے حال ہے ۔
Urdu meaning of na martaa hai , na jiitaa hai
- Roman
- Urdu
- saKht aziiyat me.n hai ; na jaan nikaltii hai na sehat yaab hotaa hai, bahut behaal hai
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न निगले बनती है न उगले
۔(دہلی) اس وقت مستعمل ہے جب کسی کام کے کرنے اور نہ کرنے میں دقت ہو۔ یعنی دونوں طرح خرابی ہے نہ کرتےبن آتی ہے نہ چھوڑتے۔ لکھنؤ میں اس جگہ نہ نگلتے بنتی ہے نہ اُگلتے مستعمل ہے۔
न निगले बनती है, न उगले
दोनों तरह ख़राबी है उधर कुँआं उधर खाई ना करते बिन आई है ना छोड़े ही, उस वक़्त कहते हैं जब किसी काम के करने और ना करने दोनों सूरतों में दिक़्क़त हो
मुजर्रद सबसे आ'ला है न सुसरा है न साला है
बिन ब्याहा अर्थात कुंवारा आदमी बहुत अच्छा होता है, स्वतंत्र होता है और दुनिया के बखेड़ों से बचा रहता है
सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है
मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं
सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है
मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं
उधेड़ के रोटी न खाओ नंगी होती है
उधेड़ कर रोटी का खाना बुरा समझा जाता है, रोटी का छिलका नहीं उतारना चाहिए
उधेड़ के रोटी न खाओ तंगी होती है
उधेड़ कर रोटी का खाना बुरा समझा जाता है, रोटी का छिलका नहीं उतारना चाहिए
गूड़ भरा हँसियाँ है , न निगलने बने , न उगलते बने
جہاں کسی کام کے کرنے یا نہ کرنے میں پس و پیش یا تذبذب ہو وہاں یہ مثل بولتے ہیں یعنی نہ کیے ہی بنتی ہے نہ چھوڑے ہر طرح نقصان ہے
'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है
महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता
'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है
महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता
'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छिछड़ा है
महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता
'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है
महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता
उनके न मिले की कुसल है
दुश्मन से मुक़ाबला नहीं हुआ इस वास्ते बच गए, दुश्मन के सामने नहीं होना चाहिए इसी में बचाव है
हुक़्क़े का मज़ा जिसने ज़माने में न जाना, वो मर्द मुख़न्नस है न 'औरत न ज़नाना
हुक़्क़े के रसिया हुक़्क़े की प्रशंसा या बड़ाई में कहते हैं
ज़ुलैख़ा पढ़ी पर ये न जाना 'औरत है या मर्द
किसी बात या घटनाक्रम को प्रारंभ से अंत तक सुनना या पढ़ना किन्तु इस पर बिल्कुल ध्यान न देना
कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार तुम्हारा है
ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं
मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले
बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं
ठोंगें मार किया सर गंजा, कहे मेरे है हाथ न पंजा
अर्थात हानि तो पहुँचा दिया और बेकार में बहाने बनाता है
सुख मानो तो सुख है , दुख मानो तो दुख है , सच्चा सुखिया वो है जो सुख माने न दुख
अगर समझो तो ख़ुशी है अगर तकलीफ़ समझो तो तकलीफ़ ख़ुशी होती है . असल में ख़ुशी वो है जो आराम और तकलीफ़ की पर्वा ना करे क्योंकि आराम और ख़ुशी एतबारी कैफ़यात हैं
न लड़, लड़ना काम शैतान का है, बनी पे चूके सो तुख़्म हराम का है
बिना नियन्त्रण के लड़ना नहीं चाहिए और जब नियन्त्रण मिले तो चूक जाना बड़ी मूर्खता है
न लड़, लड़ना शैतान का काम है, बनी पे जो चूके सो तुख़्म हराम है
बिना नियन्त्रण के लड़ना नहीं चाहिए और जब नियन्त्रण मिले तो चूक जाना बड़ी मूर्खता है
कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार आप का है
ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं
पेड़ 'अली धत्ता जिस की जड़ है न पत्ता
جو گمنام ہو ، جس کی اصل و نسل کا پتا نہ ہو ، ناپائیدار ؛ بے اصل بات جس کا سر پیر نہ ہو.
सर्दी का मारा पनपे है अन्न का मारा न पनपे
चाहे कपड़ा ना हो मगर पेट को रवी ज़रूर चाहिए, सर्दी का मारा बच जाता है फ़ाक़ों का मारा नहीं बचता
बिगड़ा बेटा, खोटा पैसा कभी न कभी काम आ ही जाता है
अपनी वस्तु कैसी ही ख़राब हो किसी न किसी समय ज़रूरत में काम दे जाती है
गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है
गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं
जिस पगड़ी में हो न चिल्ला पगड़ी नहीं वो फेंटी है
चिल्लद से अलबत्ता पगड़ी की ज़ेबाइश हो जाती है , हर चीज़ अपने औसाफ़ में पूरी होनी चाहिए
करनी ही संग जात है, जब जाय छूट सरीर, कोई साथ न दे सके, मात पिता सत बीर
मनुष्य के मरने पर उसके कर्म ही साथ जाते हैं, माँ-बाप, भाई या कोई कितना भी सज्जन या प्रिय व्यक्ति हो कोई साथ नहीं जाता
बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को
इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता
ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा
ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा
दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण
दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए
परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दो ही बातों का खोट है रहे न संग ले जाय
परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है
परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय
परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है
चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को
आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं
चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को
आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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shabaab
शबाब
.شَباب
acme, zenith
[ Is saal February mahine mein bhi sardi shabab par hai ]
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pyaas
प्यास
.پِیاس
desire to drink, thirst
[ Sakht pyas mein ret bhi pani nazar aata hai ]
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shaadaab
शादाब
.شاداب
blooming green, green, verdant
[ Bahar bagh ka shadab manzar vazeh taur par nazar aa raha hai ]
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sharaab
शराब
.شَراب
wine, spirit, liquor
[ Sharab ke khilaf lakh propagande hon lekin iski tijarat bahut nafa-bakhsh hai isliye yeh kabhi band nahin ki ja sakti ]
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yaas
यास
.یَاس
despair, desperation, frustration
[ Jis aadami ne apni aankhon se apna ghar aur apne khandan ko dubte huye dekha hoga wo yaas ki taswir kyun na banega ]
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udaas
उदास
.اُداس
sad, sorrowful
[ Sailab mein hazaron janen gayin yahi gham har dil ko udas karne ko kafi tha ]
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shariir
शरीर
.شَرِیر
naughty, mischievous
[ Mizajan wo sharir hai kisi ko nuqsan pahunchana uska maqsad nahin hota ]
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shab
शब
.شَب
night, night time
[ Jamal ki beti hamesha roze rakhti aur shab bedar rahti ]
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sharbat
शर्बत
.شَرْبَت
juice (of fruits)
[ Anar ka sharbat dava ke taur par bhi istemal kiya jata hai ]
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shiir
शीर
.شِیر
milk
[ Bachchon ke liye maan ka sheer sabse achchhi khuraak hai ]
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