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सुब्ह-शाम

रात-दिन, हर समय बहुत जलद

सुब्ह-शाम होना

दिन गिनने जाना, मृत्यु की प्रतीक्षा होना, मौत की घड़ियाँ गिने जाना, मरने का इंतिज़ार होना

सुब्ह शाम बिताना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह शाम की बात

जल्द हो जाने वाली बात, फ़रेबी ज़माने की बात

सुब्ह-शाम करने वाला

हीला बहाना करने वाला, टाल मटोल करने वाला

सुब्ह शाम करना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह-ओ-शाम

रातदिन, हर समय, हमेशा

सुब्ह-ओ-शाम बिताना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह-ओ-शाम करना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह-ओ-शाम होना

टाल मटोल होना

सुब्ह-ओ-शाम का होना

मरने के क़रीब होना

सुब्ह-ओ-शाम का मेहमान

دنیا سے جلد رخصت ہونے والا ، جو آخر عمر میں پہنچ گیا ہو ، جس کے جلد مرنے کے آثار ہوں.

सुब्ह की पूछो शाम की कहे

बदहवास है, घबराया हुआ है

शाम सुब्ह लगाना

हीला हवाला करना , टालना

शाम सुब्ह लगना

हीले-हवाले होना, टाल-मटोल होना

सुब्ह किधर हुई, शाम कहाँ गई

किसी बात का होश नहीं

सुब्ह की पूछना तो शाम की कहना

निहायत बे औसान और हवासबाख़ता होना, घबरा जाना

सुब्ह का निकला शाम को आता है

बहुत आवारा है

सुब्ह से शाम बनाना

सारा दिन

सुब्ह से शाम तक

from morning till evening, the whole day

बुढ़िया ने सीखा सलाम, न देखी सुब्ह न शाम

तकरार अच्छे काम की भी अच्छी नहीं होती (उसकी निंदा में प्रयुक्त जो मौक़ा बे मौक़ा वक़्त ना वक़्त अपनी बात की तकरार करता रहे

बुढ़िया ने सीखा सलाम न देखी सुब्ह न शाम

तकरार अच्छे काम की भी अच्छी नहीं होती (उसकी निंदा में प्रयुक्त जो मौक़ा बे मौक़ा वक़्त ना वक़्त अपनी बात की तकरार करता रहे

सुब्ह होती है शाम होती है, उम्र यूँ ही तमाम होती है

जीवन क्षणभंगुर है यूँ ही बीत जाता है, सुब्ह-शाम ही में जीवन समाप्त हो जाता है

लौंडी ने सीखा सलाम , न देखी सुब्ह न देखी शाम

तहज़ीब के लिए सलीक़ा-ओ-तमीज़ दरकार है

शाम का सुब्ह करना

रात बसर करना, रात गुज़ारना

बेदिया सलाई सुब्ह को गई शाम को आई

बहुत ग़ैर हाज़िर रहने वाले ले लिए मुस्तामल

सुब्ह देखना न शाम देखना

वक़्त की पाबंदीयों से बेनयाज़ रहना, हरवक़त कोई काम किए जाना, वक़्त बेवक़त काम करते रहना

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का बिछड़ा शाम को आवे तो बिछड़ा न जानिए

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का काम शाम पर रखना

टाल देना, टालमटोल करना, बहानेबाज़ी करना

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सुब्ह-शाम के अर्थदेखिए

सुब्ह-शाम

sub.h-shaamصُبْح شام

वज़्न : 2121

सुब्ह-शाम के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - क्रिया-विशेषण

  • रात-दिन, हर समय बहुत जलद

शे'र

English meaning of sub.h-shaam

Persian, Arabic - Adverb

  • morning evening, all time, very soon

صُبْح شام کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - فعل متعلق

  • رات دن، صبح اور شام، ہر وقت، بہت جلد

Urdu meaning of sub.h-shaam

  • Roman
  • Urdu

  • raat din, subah aur shaam, haravqat, bahut jald

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सुब्ह-शाम

रात-दिन, हर समय बहुत जलद

सुब्ह-शाम होना

दिन गिनने जाना, मृत्यु की प्रतीक्षा होना, मौत की घड़ियाँ गिने जाना, मरने का इंतिज़ार होना

सुब्ह शाम बिताना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह शाम की बात

जल्द हो जाने वाली बात, फ़रेबी ज़माने की बात

सुब्ह-शाम करने वाला

हीला बहाना करने वाला, टाल मटोल करने वाला

सुब्ह शाम करना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह-ओ-शाम

रातदिन, हर समय, हमेशा

सुब्ह-ओ-शाम बिताना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह-ओ-शाम करना

टाल मटोल करना, हीला हवाला करना

सुब्ह-ओ-शाम होना

टाल मटोल होना

सुब्ह-ओ-शाम का होना

मरने के क़रीब होना

सुब्ह-ओ-शाम का मेहमान

دنیا سے جلد رخصت ہونے والا ، جو آخر عمر میں پہنچ گیا ہو ، جس کے جلد مرنے کے آثار ہوں.

सुब्ह की पूछो शाम की कहे

बदहवास है, घबराया हुआ है

शाम सुब्ह लगाना

हीला हवाला करना , टालना

शाम सुब्ह लगना

हीले-हवाले होना, टाल-मटोल होना

सुब्ह किधर हुई, शाम कहाँ गई

किसी बात का होश नहीं

सुब्ह की पूछना तो शाम की कहना

निहायत बे औसान और हवासबाख़ता होना, घबरा जाना

सुब्ह का निकला शाम को आता है

बहुत आवारा है

सुब्ह से शाम बनाना

सारा दिन

सुब्ह से शाम तक

from morning till evening, the whole day

बुढ़िया ने सीखा सलाम, न देखी सुब्ह न शाम

तकरार अच्छे काम की भी अच्छी नहीं होती (उसकी निंदा में प्रयुक्त जो मौक़ा बे मौक़ा वक़्त ना वक़्त अपनी बात की तकरार करता रहे

बुढ़िया ने सीखा सलाम न देखी सुब्ह न शाम

तकरार अच्छे काम की भी अच्छी नहीं होती (उसकी निंदा में प्रयुक्त जो मौक़ा बे मौक़ा वक़्त ना वक़्त अपनी बात की तकरार करता रहे

सुब्ह होती है शाम होती है, उम्र यूँ ही तमाम होती है

जीवन क्षणभंगुर है यूँ ही बीत जाता है, सुब्ह-शाम ही में जीवन समाप्त हो जाता है

लौंडी ने सीखा सलाम , न देखी सुब्ह न देखी शाम

तहज़ीब के लिए सलीक़ा-ओ-तमीज़ दरकार है

शाम का सुब्ह करना

रात बसर करना, रात गुज़ारना

बेदिया सलाई सुब्ह को गई शाम को आई

बहुत ग़ैर हाज़िर रहने वाले ले लिए मुस्तामल

सुब्ह देखना न शाम देखना

वक़्त की पाबंदीयों से बेनयाज़ रहना, हरवक़त कोई काम किए जाना, वक़्त बेवक़त काम करते रहना

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का बिछड़ा शाम को आवे तो बिछड़ा न जानिए

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का काम शाम पर रखना

टाल देना, टालमटोल करना, बहानेबाज़ी करना

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

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