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तो-भी

फिर भी, अभी भी, यहाँ तक, बावजूद-ये-कि, ताहम

ग़ुलाम साथ, तो भी नाथ

ग़ुलाम का ए'तिबार नहीं करना चाहिए

अकेली तो लकड़ी भी नहीं जलती

अकेला आदमी काम अच्छी तरह नहीं कर सकता

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

आए भी तो क्या आए

ज़रा सी देर रुक कर चले जाने के अवसर पर प्रयुक्त

आपन पेट तो कुत्ता भी भरता है

انسان کو دنیا میں کچھ کر کے دکھانا چاہئے، ویسے تو کتا بھی پیٹ بھر لیتا ہے

सौकन तो चूनी की भी बुरी

स्वत चाहे कैसी ही नाचीर और कमतर हो, बहरहाल गवारा नहीं, ना जाने किस वक़्त नुक़्सान पहुंचा दे, हरीफ़ बहरसूरत हरीफ़ है

दबे तो च्यूँटी भी काटती है

आजिज़ आकर कमज़ोर भी हमला कर बैठता है

उसे तो धोनी भी नहीं आती

शौच के लिए पानी लेना भी नहीं जानता

साँप की तो भाप भी बुरी

शत्रु बहुत कमज़ोर हो फिर भी बुरा ही होता है, दुश्मन गो बहुत कमज़ोर हो फिर भी बुरा है

सौकन तो चून की भी बुरी

स्वत चाहे कैसी ही नाचीर और कमतर हो, बहरहाल गवारा नहीं, ना जाने किस वक़्त नुक़्सान पहुंचा दे, हरीफ़ बहरसूरत हरीफ़ है

यहाँ तो हम भी हैरान हैं

इस जगह तो हमारी बुद्धि भी काम नहीं करती, यहाँ समझ में कुछ नहीं आता

घर खीर तो बाहर भी खीर

धन धान्य से परिपूर्ण व्यक्ति का बाहर भी सम्मान होता है

अभी तो दूध के दाँत भी नहीं टूटे

अबोधपन या कम-आयु का युग है

अभी तो मुँह की दाल भी नहीं झड़ी

बाल आयु है, अब भी बच्चे हो अर्थात बुद्धि की कमी है

लाल प्यारा तो उस का ख़्याल भी प्यारा

۔ मिसल। जो दिल को पसंद होताहै उस की हर बात पसंद आतीहे। अपनों के ऐब भी गवारा होजाते हैं

घर 'ईद तो बाहर भी 'ईद

घर में आराम मिले, मन प्रसन्न हो तो हर चीज़ अच्छी लगती है

ग़ुलाम साठ तो वो भी हाठ

निकम्मे का होना न होना बराबर है

ख़ुदा दो सींग भी दे, तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

कभी तो हमारे भी कोई थे

पुराना संबंध भुला दिया

उसे तो धोती बाँधनी भी नहीं आती

अनभिज्ञ या अनाड़ी है, बड़ा मूर्ख है

तीन गुनाह तो ख़ुदा भी बख़्श्ता है

जब किसी से माफ़ी और क्षमा मांगनी हो तो कहते हैं

ख़ुदा सींग दे तो वो भी सही

(अविर) राज़ी बर्ज़ा हैं - ख़ुदा का दिया सर आँखों पर

तुर्क हू हुए तो भी ना

धर्म बदलने के पश्चात भी कुछ लाभ नहीं हुआ

अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नही टूटे

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो, अबोधता या लड़कपन का ज़माना है

आप डूबे तो डूबे और को भी ले डूबे

स्वयं को हानि पहुँचाने के साथ दूसरों को भी हानि पहुँचाई

मा मारे तो भी मा ही पुकारे

अपनों की फ़र्याद अपनों ही से की जाती है, अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं लगती, जिस तरह बच्चा मा से कैसा ही पट्टे मगर मा, मा कहता जाएगा

अल्लाह दो सींग देवे तो वो भी क़ुबूल हैं

ईश्वर जो भी कष्ट सहावे सहना पड़ता है, ईश्वरेच्छा पर प्रसन्न होना चाहिए

दवा के लिए ढूँडो तो भी नहीं मिलती

is not available even in a minute quantity, is extremely rare or hard to come by

दवा के लिए ढूँडो तो भी नहीं मिलता

is not available even in a minute quantity, is extremely rare or hard to come by

अमानत में ख़ियानत तो ज़मीन भी नहीं करती

ख़याल यह है कि सौंप देने से धरती भी शव में हेरफेर नहीं करती इसलिए अमानत में ख़ियानत हो जाने पर यह कहावत निंदा के लिए कहा जाता है

अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नहीं टूटे हैं

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो, अबोधता या लड़कपन का ज़माना है

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

(طنزاً) تھوڑا نقصان ہوا پر ان کا زیادہ نقصان ہوا ، ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

चार बासन होते हैं तो खड़कते भी हैं

रुक : जहां चार बर्तन अलख, जहां चार आदमी जमा होते हैं तकरार भी हो जाती है

ये तो कबीर भी कह गए हैं

ये तो मुस्लिमा बात है, ये बात तो और सब बुज़ुर्गों की तस्लीम की हुई है, उसे तो आरिफ़ बिल्लाह भी मानते हैं ये तो मानी हुई और तस्लीम की हुई बात है

वो भी कुछ ऐसा तो न था

वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था

तेरे तोड़े तो मैं बेर भी न खाऊँ

(ओ) मुझे तुझ से नफ़रत है यानी तो अगर बेरों को छोले तो में खाऊं

अपना पेट तो कुत्ता भी पालता है

स्वार्थ कोई गुण नहीं, दूसरों की सेवा करना बड़ी बात है

चोर चोरी से गया तो क्या हेरा फेरी से भी गया

बुरी 'आदत नहीं जाती

फूल आए हैं तो फल भी आएँगे

स्त्रियाँ आपस में दूसरी नि:संतान स्त्री की तसल्ली के लिए कहती हैं

फूल आए हैं तो फल भी लगेंगे

स्त्रियाँ आपस में दूसरी नि:संतान स्त्री की तसल्ली के लिए कहती हैं

जोंक माटी रुले तो भी लहू पीती रहे

बुरा व्यक्ति कैसा ही अपमानित ख़राबहाल हो अपनी बुराई से बाज़ नहीं आता तकलीफ देता है

फूल आए हैं तो फल भी आएगा

स्त्रियाँ आपस में दूसरी नि:संतान स्त्री की तसल्ली के लिए कहती हैं

फूल आए हैं तो फल भी आएगा

۔(عو) مثل۔ پھول آنا دیکھو نمبر ۱ پھل آنا۔ بچہ جننا۔ عورتیں آپس میں دوسری بے اولاد عورت کی تسلّی کے لئے کہتی ہیں۔

टिकली सेंदूर गेल तो खाने में भी बजर परब

(हिंदू) औरत बेवा होजाए तो उसे अच्छा खाना नहीं मिलता

दूध में मिठास मिलाओ तो और भी मज़ा देगा

किसी अच्छी चीज़ में दूसरी अच्छी चीज़ मिलाना अच्छा होता है, दो बेहतर चीज़ों से बेहतरीन का हुसूल होता है . अच्छे ख़ानदानों का मेल बेहतर होता है

बैठे बैठे तो क़ारून का ख़ज़ाना भी ख़ाली हो जाता है

बेकार बैठ कर ख़र्च करने से कितना ही धन-दौलत या जायदाद हो समाप्त हो जाता है इस लिए कमाई करनी चाहिए

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

बिन रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती

बिना माँगे कोई चीज़ प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

आधे असाढ़ तो बैरी के भी बरसे

आधे असाढ़ में तो बैरी के खेत में भी पानी बरसे, अर्थात ईश्वर सब के साथ समान न्याय करे

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

कुबड़ी तो लाख चले जब कुब चल^ने भी दे

(अविर) चाओ बहुत मगर कुछ मजबूरियां लाहक़

कोई भी तो माँ के पेट से 'इल्म ले कर नहीं निकलता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

हाथी हज़ार लुटे तो भी सवा लाख टके का

अमीर आदमी कैसा ही ग़रीब क्यों ना हो जाये फिर भी इस की क़दर रहती है (मालदार के मुफ़लिस हो जाने के मौके़ पर मुस्तामल है)

हज़ार हाथी लुटा तो भी सवा लाख टके का

रुक : हज़ार हाथी लिट्टेगा अलख

मन को भाए तो ढेला भी सुपारी है

बुरी वस्तु भी यदि दिल को पसंद आती है तो सब से अच्छी लगती है

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

۔ (دہلی) طنزاً۔ ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا۔

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

पड़ोसन के मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलती टपकेगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तो-भी के अर्थदेखिए

तो-भी

to-bhiiتو بھی

वज़्न : 22

तो-भी के हिंदी अर्थ

  • फिर भी, अभी भी, यहाँ तक, बावजूद-ये-कि, ताहम

English meaning of to-bhii

تو بھی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • باوجودیکہ، پھر بھی، تاہم

Urdu meaning of to-bhii

  • Roman
  • Urdu

  • baavjuudike, phir bhii, taaham

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तो-भी

फिर भी, अभी भी, यहाँ तक, बावजूद-ये-कि, ताहम

ग़ुलाम साथ, तो भी नाथ

ग़ुलाम का ए'तिबार नहीं करना चाहिए

अकेली तो लकड़ी भी नहीं जलती

अकेला आदमी काम अच्छी तरह नहीं कर सकता

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

आए भी तो क्या आए

ज़रा सी देर रुक कर चले जाने के अवसर पर प्रयुक्त

आपन पेट तो कुत्ता भी भरता है

انسان کو دنیا میں کچھ کر کے دکھانا چاہئے، ویسے تو کتا بھی پیٹ بھر لیتا ہے

सौकन तो चूनी की भी बुरी

स्वत चाहे कैसी ही नाचीर और कमतर हो, बहरहाल गवारा नहीं, ना जाने किस वक़्त नुक़्सान पहुंचा दे, हरीफ़ बहरसूरत हरीफ़ है

दबे तो च्यूँटी भी काटती है

आजिज़ आकर कमज़ोर भी हमला कर बैठता है

उसे तो धोनी भी नहीं आती

शौच के लिए पानी लेना भी नहीं जानता

साँप की तो भाप भी बुरी

शत्रु बहुत कमज़ोर हो फिर भी बुरा ही होता है, दुश्मन गो बहुत कमज़ोर हो फिर भी बुरा है

सौकन तो चून की भी बुरी

स्वत चाहे कैसी ही नाचीर और कमतर हो, बहरहाल गवारा नहीं, ना जाने किस वक़्त नुक़्सान पहुंचा दे, हरीफ़ बहरसूरत हरीफ़ है

यहाँ तो हम भी हैरान हैं

इस जगह तो हमारी बुद्धि भी काम नहीं करती, यहाँ समझ में कुछ नहीं आता

घर खीर तो बाहर भी खीर

धन धान्य से परिपूर्ण व्यक्ति का बाहर भी सम्मान होता है

अभी तो दूध के दाँत भी नहीं टूटे

अबोधपन या कम-आयु का युग है

अभी तो मुँह की दाल भी नहीं झड़ी

बाल आयु है, अब भी बच्चे हो अर्थात बुद्धि की कमी है

लाल प्यारा तो उस का ख़्याल भी प्यारा

۔ मिसल। जो दिल को पसंद होताहै उस की हर बात पसंद आतीहे। अपनों के ऐब भी गवारा होजाते हैं

घर 'ईद तो बाहर भी 'ईद

घर में आराम मिले, मन प्रसन्न हो तो हर चीज़ अच्छी लगती है

ग़ुलाम साठ तो वो भी हाठ

निकम्मे का होना न होना बराबर है

ख़ुदा दो सींग भी दे, तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

कभी तो हमारे भी कोई थे

पुराना संबंध भुला दिया

उसे तो धोती बाँधनी भी नहीं आती

अनभिज्ञ या अनाड़ी है, बड़ा मूर्ख है

तीन गुनाह तो ख़ुदा भी बख़्श्ता है

जब किसी से माफ़ी और क्षमा मांगनी हो तो कहते हैं

ख़ुदा सींग दे तो वो भी सही

(अविर) राज़ी बर्ज़ा हैं - ख़ुदा का दिया सर आँखों पर

तुर्क हू हुए तो भी ना

धर्म बदलने के पश्चात भी कुछ लाभ नहीं हुआ

अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नही टूटे

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो, अबोधता या लड़कपन का ज़माना है

आप डूबे तो डूबे और को भी ले डूबे

स्वयं को हानि पहुँचाने के साथ दूसरों को भी हानि पहुँचाई

मा मारे तो भी मा ही पुकारे

अपनों की फ़र्याद अपनों ही से की जाती है, अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं लगती, जिस तरह बच्चा मा से कैसा ही पट्टे मगर मा, मा कहता जाएगा

अल्लाह दो सींग देवे तो वो भी क़ुबूल हैं

ईश्वर जो भी कष्ट सहावे सहना पड़ता है, ईश्वरेच्छा पर प्रसन्न होना चाहिए

दवा के लिए ढूँडो तो भी नहीं मिलती

is not available even in a minute quantity, is extremely rare or hard to come by

दवा के लिए ढूँडो तो भी नहीं मिलता

is not available even in a minute quantity, is extremely rare or hard to come by

अमानत में ख़ियानत तो ज़मीन भी नहीं करती

ख़याल यह है कि सौंप देने से धरती भी शव में हेरफेर नहीं करती इसलिए अमानत में ख़ियानत हो जाने पर यह कहावत निंदा के लिए कहा जाता है

अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नहीं टूटे हैं

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो, अबोधता या लड़कपन का ज़माना है

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

(طنزاً) تھوڑا نقصان ہوا پر ان کا زیادہ نقصان ہوا ، ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

चार बासन होते हैं तो खड़कते भी हैं

रुक : जहां चार बर्तन अलख, जहां चार आदमी जमा होते हैं तकरार भी हो जाती है

ये तो कबीर भी कह गए हैं

ये तो मुस्लिमा बात है, ये बात तो और सब बुज़ुर्गों की तस्लीम की हुई है, उसे तो आरिफ़ बिल्लाह भी मानते हैं ये तो मानी हुई और तस्लीम की हुई बात है

वो भी कुछ ऐसा तो न था

वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था

तेरे तोड़े तो मैं बेर भी न खाऊँ

(ओ) मुझे तुझ से नफ़रत है यानी तो अगर बेरों को छोले तो में खाऊं

अपना पेट तो कुत्ता भी पालता है

स्वार्थ कोई गुण नहीं, दूसरों की सेवा करना बड़ी बात है

चोर चोरी से गया तो क्या हेरा फेरी से भी गया

बुरी 'आदत नहीं जाती

फूल आए हैं तो फल भी आएँगे

स्त्रियाँ आपस में दूसरी नि:संतान स्त्री की तसल्ली के लिए कहती हैं

फूल आए हैं तो फल भी लगेंगे

स्त्रियाँ आपस में दूसरी नि:संतान स्त्री की तसल्ली के लिए कहती हैं

जोंक माटी रुले तो भी लहू पीती रहे

बुरा व्यक्ति कैसा ही अपमानित ख़राबहाल हो अपनी बुराई से बाज़ नहीं आता तकलीफ देता है

फूल आए हैं तो फल भी आएगा

स्त्रियाँ आपस में दूसरी नि:संतान स्त्री की तसल्ली के लिए कहती हैं

फूल आए हैं तो फल भी आएगा

۔(عو) مثل۔ پھول آنا دیکھو نمبر ۱ پھل آنا۔ بچہ جننا۔ عورتیں آپس میں دوسری بے اولاد عورت کی تسلّی کے لئے کہتی ہیں۔

टिकली सेंदूर गेल तो खाने में भी बजर परब

(हिंदू) औरत बेवा होजाए तो उसे अच्छा खाना नहीं मिलता

दूध में मिठास मिलाओ तो और भी मज़ा देगा

किसी अच्छी चीज़ में दूसरी अच्छी चीज़ मिलाना अच्छा होता है, दो बेहतर चीज़ों से बेहतरीन का हुसूल होता है . अच्छे ख़ानदानों का मेल बेहतर होता है

बैठे बैठे तो क़ारून का ख़ज़ाना भी ख़ाली हो जाता है

बेकार बैठ कर ख़र्च करने से कितना ही धन-दौलत या जायदाद हो समाप्त हो जाता है इस लिए कमाई करनी चाहिए

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

बिन रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती

बिना माँगे कोई चीज़ प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

आधे असाढ़ तो बैरी के भी बरसे

आधे असाढ़ में तो बैरी के खेत में भी पानी बरसे, अर्थात ईश्वर सब के साथ समान न्याय करे

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

कुबड़ी तो लाख चले जब कुब चल^ने भी दे

(अविर) चाओ बहुत मगर कुछ मजबूरियां लाहक़

कोई भी तो माँ के पेट से 'इल्म ले कर नहीं निकलता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

हाथी हज़ार लुटे तो भी सवा लाख टके का

अमीर आदमी कैसा ही ग़रीब क्यों ना हो जाये फिर भी इस की क़दर रहती है (मालदार के मुफ़लिस हो जाने के मौके़ पर मुस्तामल है)

हज़ार हाथी लुटा तो भी सवा लाख टके का

रुक : हज़ार हाथी लिट्टेगा अलख

मन को भाए तो ढेला भी सुपारी है

बुरी वस्तु भी यदि दिल को पसंद आती है तो सब से अच्छी लगती है

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

۔ (دہلی) طنزاً۔ ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا۔

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

पड़ोसन के मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलती टपकेगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

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