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wah-wah

मूसीक़ी: एक सूती असर जो पीतल के साज़ों पर रह रह कर रोकने या बर्क़ी गिटार में पैडल की मदद से एमपलीफ़ायर से आने वाली आवाज़ को रोक रोक कर किया जाता है।

वाह-वाह

धन्य, साधु-साधु, खूब-खूब, शाबाश, क्या बात है, (उत्साह बढ़ाने के लिए) वाह क्या कहना है, क्या बात है, क्या ख़ूब, आश्चर्य प्रकट करने के लिए कभी कटाक्ष के तौर पर भी उपयोगित

वाह-वाह पड़ना

प्रशंसा होना, तारीफ़ होना

ऐ वाह वाह

(تعریف کرنے یا داد دینے کے موقع پر) کیا خوب ، واہ واہ ، سبحان اللہ

वाह वाह वाले

दाद देने वाले प्रशंसक, श्रोतागण, तमाशाई, सामईन

वाह-वाह रहना

(लाक्षणिक) प्रसिद्ध होना, मशहूर होना, चर्चा होना

वाह-वाह मचना

धूम मचना, बहुत प्रशंसा होना, प्रशंसा और वाहवाही की आवाज़

वाह वाह वाह करना

प्रशंसा करना, सराहना, दाद देना

वाह वाह लेना

प्रशंसा प्राप्त करना, बधाई प्राप्त करना, वाह-वाही लूटना

वाह वाह होना

तारीफ़, प्रशंसा और बड़ाई होना, धूम होना, डंका बजना, नाम होना

वाह-वाह हो रही है

बड़ी तारीफ़ें हो रही हैं, बहुत प्रशंसा मिल रही है, (बहुत प्रशंसा, शाबाशी प्राप्त होने के अवसर पर प्रयुक्त)

वाह वाह गिरगिट का बच्चा ताना शाह

अदना शख़्स और ये आली दिमाग़ी, कमीने को देखो कैसा आली दिमाग़ बना है , अदना का कंगाल हो कर आली दिमाग़ बनना

वाह वाह कहना

तारीफ़ करना, वाह वाह करना

वाह वाह करना

तारीफ़ करना, सराहना

वाह वाह घिरघिट का बच्चा ताना शाह

अदना शख़्स और ये आली दिमाग़ी, कमीने को देखो कैसा आली दिमाग़ बना है , अदना का कंगाल हो कर आली दिमाग़ बनना

वाह वाह हो जाना

तारीफ़-ओ-तौसीफ़ होना, शौहरत होना, नामवरी होना, चर्चा होना

अपने औड़ बटाए वा की वह जाने

अपने काम से काम दूसरों से किया मतलब

वाह-वाट

किसी बात पर इंतिहाई हैरत के इज़हार के लिए, इंतिहा होगई इस से बढ़ कर अब क्या होगा

यूँ भी वाह वाह, वूँ भी वाह वाह

دونوں طرح سے خوب ہے، ہر طرح سے خوشی کی جگہ

रहे तो वाह वाह, न रहे तो वाह वाह

जब किसी के जाने या किसी के रहने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, तो बोलते हैं

वाह भई वाह

बहुत बढ़िया, क्या कहना (आश्चर्य या अफ़सोस प्रकट करने के लिए उपयोगित)

दो घड़ी की वाह वाह

تھوڑی دیر کی تعریف .

वाह साहिब वाह

तान की जगह और गाहे तारीफ़ में मुस्तामल, वाह भई, वाह जी

वाही-वाही

رک : واہی تباہی جو زیادہ مستعمل ہے ، فضول ۔

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

वाह

बहने वाला। (यौ० के अन्त में) पुं०१. वाहन। सवारी। जैसे-गाड़ी, रथ आदि। २. बोझ खींचने या ढोनेवाला पशु। जैसे-घोड़ा, बैल आदि।

वाह रे मैं , वाह रे हम

۔اپنے کسی فعل پر فخر وناز کرنے کے لئے مستعمل ۔؎

यूँ भी वाह वा और वूँ भी वाह वा

दोनों तरह से ख़ूब है, हर तरह से ख़ुश की जगह, दोनों तरह कामयाबी, इअस तरह भी ख़ूब इस तरह भी ख़ूब

जिन्न वह जो सर चढ़ कर बोले

बात वह जो मुँह पर कही जाए

वहाँ-वाहाँ से

उस उस स्थान से

तुरत मजूरी जो फड़कावे, वह का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

वाह मुँह तो देखो

बिना किसी औपचारिकता के दोस्त से संबोधन

वहाँ-वहाँ होना

उस उस जगह होना

वहाँ

(इस के) यहां, (इस के)हाँ, (इस के) घर पर या शहर वग़ैरा में, उस अवसर, बिंदु या स्थिति या स्थान पर

वाही-वाही बकना

रुक : वाही बिकना

वहीं

(ह। बफ्ता अव्वल) उसी जगह। इसी मुक़ाम पर।मख़सूस जगह के लिए

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

वाह मियाँ नाक वाले

सम्मानित व्यक्ति कोई घटिया काम करे तो व्यंग में कहते हैं

मैं वाह रे मैं

अपनी तारीफ़ करने वाले के बारे में कहते हैं, अपने मुँह मियाँ मिठू

वाह-भई

(किसी चीज़ या किसी बात की तारीफ़ के लिए), वाह, क्या कहने, ख़ूब

वाह मियाँ

वाह भाई, वाह जी, वाह साहब

वाह-वा-वाह

आश्चर्य और अचंभे का कलमा तथा प्रशंसा के रूप में प्रयुक्त सुभान अल्लाह; माशा अल्लाह

वाह-जी-वाह

वाह भई वाह, बहुत अच्छे, क्या कहना, सुबहानल्लाह

वाह क़िस्मत

अफ़सोस के वक़्त बोलते हैं, वाह रे या वाह री क़िस्मत बोला जाता है

वाह बीवी तेरी चतुराई, देखा मूसा कहे बिलाई

वाह बीवी तेरी चालाकी भी देख ली कि चूहा देख कर बिल्ली बताती है

वाह वा होना

तारीफ़, प्रशंसा और बड़ाई होना, धूम होना, डंका बजना, नाम होना

वाह वा लेना

तहसीन-ओ-आफ़रीन हासिल करना, हर तरफ़ से दाद वसूल करना

वाह वा करना

दाद देना, तारीफ़ करना, सराहना, प्रशंसा करना, पदोन्नत करना, सराहना करना

वाह मियाँ बाँके तेरे दगले में सौ सौ टाँके

बे सर-ओ-सामान बांके की निसबत कहते हैं , बेसर-ओ-सामानी पर शेखी

यह मेरी सिक्षा मान रे चेले, वह सो मत मिल जुवा जो खेले

जवारीयों से मेल-जोल नहीं रखना चाहिए

वाह रे मैं

अपने किसी फे़अल पर फ़ख़र या तारीफ़ के लिए मुस्तामल, हमारा क्या कहना, आफ़रीन है, मेरा क्या कहना, मेरी क्या बात है (बाअज़ वक़्त मज़ाक़न या तंज़न भी कहते हैं)

वाह रे क़िस्मत

बदक़िस्मती के वक़्त इज़हार-ए-अफ़सोस के लिए नीज़ क़िस्मत पर तंज़ के मौके़ पर मुस्तामल

वाह री क़िस्मत

what a good/ bad luck!

वाह पुरखा तेरी चतुराई, माँगा गुड़ और ला दी खटाई

कुछ करने को कहा और किया कुछ

वाह मियाँ बाँके तेरे गले में सौ सौ टाँके

बे सर-ओ-सामान बांके की निसबत कहते हैं , बेसर-ओ-सामानी पर शेखी

वाह रे मेरे शेर

बतौर कलमा-ए-तहसीन-ओ-आफ़रीन, गाहे तंज़न भी मुस्तामल

वाह बहू तेरी चतुराई, देखा मूसा कहे बिलाई

वाह बीवी तेरी चालाकी भी देख ली कि चूहा देख कर बिल्ली बताती है

वाह वा हो रही है

बड़ी तारीफ़ें हो रही हैं

वाह मियाँ काले ख़ूब रंग निकाले

शरारती मक्कार के प्रति या किसी का धोखा और मक्कारी मालूम होने पर कहते हैं

वाह पुरखा तेरी चतुराई, चून बेच कर गाजर खाई

हे मनुष्य तेरी होशियारी भी देख ली है कि तूने आटा बेच कर गाजरें ख़रीद ली हैं

wah-wah के लिए उर्दू शब्द

wah-wah

wah-wah के देवनागरी में उर्दू अर्थ

संज्ञा

  • मूसीक़ी: एक सूती असर जो पीतल के साज़ों पर रह रह कर रोकने या बर्क़ी गिटार में पैडल की मदद से एमपलीफ़ायर से आने वाली आवाज़ को रोक रोक कर किया जाता है।

wah-wah کے اردو معانی

اسم

  • موسیقی: ایک صوتی اثر جوپیتل کے سازوں پر رہ رہ کر روکنے یا برقی گٹار میں پیڈل کی مدد سے ایمپلی فائر سے آنے والی آواز کو روک روک کر کیا جاتا ہے۔.

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wah-wah

मूसीक़ी: एक सूती असर जो पीतल के साज़ों पर रह रह कर रोकने या बर्क़ी गिटार में पैडल की मदद से एमपलीफ़ायर से आने वाली आवाज़ को रोक रोक कर किया जाता है।

वाह-वाह

धन्य, साधु-साधु, खूब-खूब, शाबाश, क्या बात है, (उत्साह बढ़ाने के लिए) वाह क्या कहना है, क्या बात है, क्या ख़ूब, आश्चर्य प्रकट करने के लिए कभी कटाक्ष के तौर पर भी उपयोगित

वाह-वाह पड़ना

प्रशंसा होना, तारीफ़ होना

ऐ वाह वाह

(تعریف کرنے یا داد دینے کے موقع پر) کیا خوب ، واہ واہ ، سبحان اللہ

वाह वाह वाले

दाद देने वाले प्रशंसक, श्रोतागण, तमाशाई, सामईन

वाह-वाह रहना

(लाक्षणिक) प्रसिद्ध होना, मशहूर होना, चर्चा होना

वाह-वाह मचना

धूम मचना, बहुत प्रशंसा होना, प्रशंसा और वाहवाही की आवाज़

वाह वाह वाह करना

प्रशंसा करना, सराहना, दाद देना

वाह वाह लेना

प्रशंसा प्राप्त करना, बधाई प्राप्त करना, वाह-वाही लूटना

वाह वाह होना

तारीफ़, प्रशंसा और बड़ाई होना, धूम होना, डंका बजना, नाम होना

वाह-वाह हो रही है

बड़ी तारीफ़ें हो रही हैं, बहुत प्रशंसा मिल रही है, (बहुत प्रशंसा, शाबाशी प्राप्त होने के अवसर पर प्रयुक्त)

वाह वाह गिरगिट का बच्चा ताना शाह

अदना शख़्स और ये आली दिमाग़ी, कमीने को देखो कैसा आली दिमाग़ बना है , अदना का कंगाल हो कर आली दिमाग़ बनना

वाह वाह कहना

तारीफ़ करना, वाह वाह करना

वाह वाह करना

तारीफ़ करना, सराहना

वाह वाह घिरघिट का बच्चा ताना शाह

अदना शख़्स और ये आली दिमाग़ी, कमीने को देखो कैसा आली दिमाग़ बना है , अदना का कंगाल हो कर आली दिमाग़ बनना

वाह वाह हो जाना

तारीफ़-ओ-तौसीफ़ होना, शौहरत होना, नामवरी होना, चर्चा होना

अपने औड़ बटाए वा की वह जाने

अपने काम से काम दूसरों से किया मतलब

वाह-वाट

किसी बात पर इंतिहाई हैरत के इज़हार के लिए, इंतिहा होगई इस से बढ़ कर अब क्या होगा

यूँ भी वाह वाह, वूँ भी वाह वाह

دونوں طرح سے خوب ہے، ہر طرح سے خوشی کی جگہ

रहे तो वाह वाह, न रहे तो वाह वाह

जब किसी के जाने या किसी के रहने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, तो बोलते हैं

वाह भई वाह

बहुत बढ़िया, क्या कहना (आश्चर्य या अफ़सोस प्रकट करने के लिए उपयोगित)

दो घड़ी की वाह वाह

تھوڑی دیر کی تعریف .

वाह साहिब वाह

तान की जगह और गाहे तारीफ़ में मुस्तामल, वाह भई, वाह जी

वाही-वाही

رک : واہی تباہی جو زیادہ مستعمل ہے ، فضول ۔

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

वाह

बहने वाला। (यौ० के अन्त में) पुं०१. वाहन। सवारी। जैसे-गाड़ी, रथ आदि। २. बोझ खींचने या ढोनेवाला पशु। जैसे-घोड़ा, बैल आदि।

वाह रे मैं , वाह रे हम

۔اپنے کسی فعل پر فخر وناز کرنے کے لئے مستعمل ۔؎

यूँ भी वाह वा और वूँ भी वाह वा

दोनों तरह से ख़ूब है, हर तरह से ख़ुश की जगह, दोनों तरह कामयाबी, इअस तरह भी ख़ूब इस तरह भी ख़ूब

जिन्न वह जो सर चढ़ कर बोले

बात वह जो मुँह पर कही जाए

वहाँ-वाहाँ से

उस उस स्थान से

तुरत मजूरी जो फड़कावे, वह का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

वाह मुँह तो देखो

बिना किसी औपचारिकता के दोस्त से संबोधन

वहाँ-वहाँ होना

उस उस जगह होना

वहाँ

(इस के) यहां, (इस के)हाँ, (इस के) घर पर या शहर वग़ैरा में, उस अवसर, बिंदु या स्थिति या स्थान पर

वाही-वाही बकना

रुक : वाही बिकना

वहीं

(ह। बफ्ता अव्वल) उसी जगह। इसी मुक़ाम पर।मख़सूस जगह के लिए

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

वाह मियाँ नाक वाले

सम्मानित व्यक्ति कोई घटिया काम करे तो व्यंग में कहते हैं

मैं वाह रे मैं

अपनी तारीफ़ करने वाले के बारे में कहते हैं, अपने मुँह मियाँ मिठू

वाह-भई

(किसी चीज़ या किसी बात की तारीफ़ के लिए), वाह, क्या कहने, ख़ूब

वाह मियाँ

वाह भाई, वाह जी, वाह साहब

वाह-वा-वाह

आश्चर्य और अचंभे का कलमा तथा प्रशंसा के रूप में प्रयुक्त सुभान अल्लाह; माशा अल्लाह

वाह-जी-वाह

वाह भई वाह, बहुत अच्छे, क्या कहना, सुबहानल्लाह

वाह क़िस्मत

अफ़सोस के वक़्त बोलते हैं, वाह रे या वाह री क़िस्मत बोला जाता है

वाह बीवी तेरी चतुराई, देखा मूसा कहे बिलाई

वाह बीवी तेरी चालाकी भी देख ली कि चूहा देख कर बिल्ली बताती है

वाह वा होना

तारीफ़, प्रशंसा और बड़ाई होना, धूम होना, डंका बजना, नाम होना

वाह वा लेना

तहसीन-ओ-आफ़रीन हासिल करना, हर तरफ़ से दाद वसूल करना

वाह वा करना

दाद देना, तारीफ़ करना, सराहना, प्रशंसा करना, पदोन्नत करना, सराहना करना

वाह मियाँ बाँके तेरे दगले में सौ सौ टाँके

बे सर-ओ-सामान बांके की निसबत कहते हैं , बेसर-ओ-सामानी पर शेखी

यह मेरी सिक्षा मान रे चेले, वह सो मत मिल जुवा जो खेले

जवारीयों से मेल-जोल नहीं रखना चाहिए

वाह रे मैं

अपने किसी फे़अल पर फ़ख़र या तारीफ़ के लिए मुस्तामल, हमारा क्या कहना, आफ़रीन है, मेरा क्या कहना, मेरी क्या बात है (बाअज़ वक़्त मज़ाक़न या तंज़न भी कहते हैं)

वाह रे क़िस्मत

बदक़िस्मती के वक़्त इज़हार-ए-अफ़सोस के लिए नीज़ क़िस्मत पर तंज़ के मौके़ पर मुस्तामल

वाह री क़िस्मत

what a good/ bad luck!

वाह पुरखा तेरी चतुराई, माँगा गुड़ और ला दी खटाई

कुछ करने को कहा और किया कुछ

वाह मियाँ बाँके तेरे गले में सौ सौ टाँके

बे सर-ओ-सामान बांके की निसबत कहते हैं , बेसर-ओ-सामानी पर शेखी

वाह रे मेरे शेर

बतौर कलमा-ए-तहसीन-ओ-आफ़रीन, गाहे तंज़न भी मुस्तामल

वाह बहू तेरी चतुराई, देखा मूसा कहे बिलाई

वाह बीवी तेरी चालाकी भी देख ली कि चूहा देख कर बिल्ली बताती है

वाह वा हो रही है

बड़ी तारीफ़ें हो रही हैं

वाह मियाँ काले ख़ूब रंग निकाले

शरारती मक्कार के प्रति या किसी का धोखा और मक्कारी मालूम होने पर कहते हैं

वाह पुरखा तेरी चतुराई, चून बेच कर गाजर खाई

हे मनुष्य तेरी होशियारी भी देख ली है कि तूने आटा बेच कर गाजरें ख़रीद ली हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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