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heroic के लिए उर्दू शब्द
heroic के देवनागरी में उर्दू अर्थ
- बहादुराना
heroic کے اردو معانی
- بَہادُرانَہ
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हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ नमक की कान में गई नमक होगई, सोहबत का असर हो ही जाता है, नेकों की सोहबत का नेक और बदों की महफ़िल का बद असर होता है (जब कोई आदमी किसी दूसरे आदमी या जमात के रंग में रंग जाता है या किसी मुक़ाम की ख़ुसूसीयात इख़तियार कर लेता है तो कहते हैं
हरचे-बाद-अबाद
कुछ ही क्यों न हो, कुछ ही हो, जो कुछ हो सो हो, जो कुछ हुआ वो हुआ, जो कुछ होगा देखा जाएगा, जो हो सो हो
हर च अज़ ग़ैब मी रसद नेकूस्त
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो क़ुदरत की तरफ़ से मिले अच्छा ही होता है
हर चे बर ख़रे बाशद मन पालानम
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) चाहे गधे पे कुछ हो में तो पालान हूँ , मुझे हरकिस-ओ-नाक्स से पाला पड़ता है , अपने काम से काम रखना चाहिए (ऐसे मौके़ पर कहा जाता है जब किसी को अपनी मंसबी मजबूरी के सबब ग़लत या हमाक़त का काम करना पड़ता है , जैसे : पालान के ऊपर अच्छा बुरा, क़ीमती सस्ता हर तरह का सामान लदा होता है
हर चीज़ दरख़शंदा तिला नीस्त
हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, किसी चीज़ की ज़ाहिरी हालत से धोका नहीं खाना चाहिए
हर च ज़ूद आयद देर न-पायद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ जलद आती है वो देर तक नहीं ठहरती , जो काम जल्दी में किया जाये वो देरपा नहीं होता
hercynian
अर्ज़ियात: मशरिक़ी निस्फ़ करे में क़दीम अर्ज़ीयाती दौर का वो अख़ीर ज़माना जबकि पहाड़ों की तशकील हुई।
हर च दर देग अस्त दर कफ़्चा मी आयद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो कुछ देग़ में है वो कफ़चे या चमचे में आएगा , जो असलीयत होती है ज़ाहिर होकर रहती है , जो दिल में है वही ज़बान से भी ज़ाहिर होता है
हर च गीरीद मुख़्तसर गीरीद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) थोड़ी सी चीज़ पर क़नाअत करो, ज़्यादा की हवस ना करो , वो काम अपने ज़िम्मे लो जो आसानी से कर सको
हर च अज़ दिल ख़ेज़द बर दिल रेज़द
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो कुछ दिल से उठता है दिल पर टपकता है , जो बात दिल से निकलती है दिल पर असर करती है
हर च दर दिल फ़रूद आयद दर दीदा निको नमायद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ दिल में समा जाती है वो आँख को भली मालूम होती है , जिस चीज़ से हमारे दिल को कुछ लगाओ होता है वो हम को अच्छी मालूम होने लगती है
हर च ब-क़ामत केहतर ब-क़ीमत-ए-बेहतर
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ जसामत में कम होती है क़दर-ओ-क़ीमत में ज़्यादा होती है, छोटी चीज़ भी क़ीमती होती है
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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