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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क्या क्या न किया के अर्थदेखिए
कहावत
मूल शब्द: क्या
क्या क्या न किया के हिंदी अर्थ
- ۔सब कुछ किया। कौन सी कसर उठा रखी। (मज़मून) हम ने किया क्या ना तिहरे इशक़ में महबूब किया। सब्र एवबऑ किया गिरिया-ए-याक़ूब किया
- कौन सी कसर बाक़ी रखी, सब कुछ तो क्या, कौन सी कसर उठा ना रखी
کیا کیا نہ کیا کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- کون سی کسر باقی رکھی، سب کچھ تو کیا، کون سی کسر اُٹھا نہ رکھی
Urdu meaning of kyaa kyaa na kiyaa
- Roman
- Urdu
- kaun sii kasar baaqii rakhii, sab kuchh to kyaa, kaun sii kasar uThaa na rakhii
खोजे गए शब्द से संबंधित
क्या क्या न किया
۔सब कुछ किया। कौन सी कसर उठा रखी। (मज़मून) हम ने किया क्या ना तिहरे इशक़ में महबूब किया। सब्र एवबऑ किया गिरिया-ए-याक़ूब किया
क्या किया
۔۱۔ بڑا غضب کیا۔ بڑا ستم کیا۔ بڑی حیرت ہے۔ نہایت شرم کی بات ہے۔ ؎ ۲۔ کوئی بے جا بات نہیں کی۔ اُنھوں نے خط واپس کردیا تو کیا کیا۔ ۳۔ کس صرف میں لایا۔ ؎
क्या हाल किया
कैसा क्रूर व्यवहार किया, कैसा ज़ालिमाना बरताव किया, कैसा बुरा हाल किया, क्या दुरगत बनाई
किसी ने क्या किया
۔طنز سے کہتے ہیں یعنی کسی نے کیا نقصان پہونچایا۔ میری تمھارا۔ اُن کا کے ساتھ استعمال میں ہے۔ ؎
क्या न चाहिए
कौन सी चीज़ है जिसकी आवश्यक्ता नहीं, क्या कहना है, क्या बात है सब कुछ चाहिए, सब ही चीज़ की ज़रूरत है, सब कुछ मौजूद है फिर भला किस चीज़ की ज़रूरत है
क्या न चाहिए
what is not wanting (to me), what do I not want, I want everything, nothing is wanting (to me), I have everything
क्या पिद्दी किया पिद्दी का शोरबा
पिद्दी एक छोटा पक्षी होता है और ऐसे पक्षी का शोरबा बनाना और न बनाना बराबर है अर्थात छोटी वस्तू या छोटे आदमी से बड़े काम नहीं हो सकते
मरता क्या न करता
जिस की जान पर आ बनती है वो सब कुछ कर गुज़रता है, विवशता की स्थिति में सब कुछ करना पड़ता है
मुर्ग़ा न होगा तो क्या अज़ान न होगी
कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे
मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी
कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे
मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी
कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा
आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे
मनुष्य के पास मानवतावादी ज्ञान होना आवश्यक है, मनुष्य के पास कुशल लोगों का मित्र होना आवश्यक है
आम मछली का क्या साथ न होगा
जब कोई किसी को परेशान कर चल देता है या छुप रहता है तो परेशानी उठाने वाला कहता है कि 'आम मछली का क्या साथ न होगा' या'नी फिर कभी मुलाक़ात तो होगी उस वक़्त समझ लूँगा
मुल्ला न होगा तो क्या मस्जिद में अज़ाँ न होगी
किसी ख़ास आदमी के न होने से उस से संबंधित काम रुका नहीं रहता
मुल्ला न होगा तो क्या मस्जिद में अज़ान न होगी
किसी ख़ास आदमी के न होने से उस से संबंधित काम रुका नहीं रहता
अच्छे दिन पाछे गए बर से किया न बेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत
जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ
वो फूल ही क्या जो कि महेसर न चढ़े
पारबती देवी की मूर्ती पर चढ़ाया हुआ वह फूल जो उसके सर पर रह जाता था और सबसे ऊँचा गिना जाता था
आगे के दिन पाछे गए हर से किया न हीत, अब पछताए क्या हुवत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत
समय पर काम न करने के पश्चात पछताना व्यर्थ है
संगत भली न साध की और क्या गंदी का बास
ना फ़क़ीर की रिफ़ाक़त अच्छी होती है और ना गेंदे की बूओ, इन दोनों की सोहबत पाएदार नहीं होती
आछे दिन पाछे गए पर से किया न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत
जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ
जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीर पराई
one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them
मैं न समझूँ तो भला क्या कोई समझाए मुझे
ज़िद्दी आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, आदमी ख़ुद ना समझना चाहे तो कोई नहीं समझा सकता
जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई
जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा
टूटी का क्या जोड़ना गाँठ पड़े और न रहे
जहां एक दफ़ा शुक्र रणजी हो जाये, फिर पहली सी दोस्ती नहीं होती
जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई
one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them
आगे रोक पीछे ठोक, ससुरा सरके न जाए तो क्या हो
आगे जा नहीं सकता पीछे से डंडा पड़ता है, करे तो क्या करे, जहाँ किसी ओर रास्ता न मिले तो बिना-साहस हो जाता है
जिस के पाँव न जाए बिवाई वो क्या जाने पीर पराई
۔(عو) جس کو بذات خود تکلیف نہیںہوئی وہ دوسرے کی تکلیف کو کیا سمجھے گا۔
आगे रोक पीछे ठोक, ससुर सड़कै न जाए तो क्या हो
आगे जा नहीं सकता पीछे से डंडा पड़ता है, करे तो क्या करे, जहाँ किसी ओर रास्ता न मिले तो बिना-साहस हो जाता है
समा करे न क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात
हर मौसम अपना उचित काम करता है मनुष्य कुछ नहीं कर सकता
माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर
दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता
माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर
दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता
आगे के दिन पाछे गए हर से कियो न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत
जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ
साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय
ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे
नंगे को क्या नंग , काले को क्या रंग
बेग़ैरत को क्या श्रम आए जैसे कि काले मुँह वाले को अपने रंग के मानद पड़ने का क्या डर
नंगी क्या नहाए गी क्या निचोड़े गी
۔مثل۔ بیمایہ اور مفلس کوکسی بات کی جرأت نہیں ہوتی ۔مفلس خرچ کرنے کی ہمت نہیں کرسکتا ۔؎
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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taraazuu
तराज़ू
.تَرازُو
scale, balance, pair of scales
[ Hira ho ya koyla tarazu har chiz ko taulta hai ]
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KHabiis
ख़बीस
.خَبِیث
wretch, vile
[ Khabees aadmi se achchhe bartav ki ummeed nahin ki ja sakti ]
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jarii
जरी
.جَری
brave, valiant
[ Bhagat Singh jaise nidar aur jari shakhs kam hi dikhayi dete hain ]
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KHairiyat
ख़ैरियत
.خَیرِیَت
welfare, well-being, good health
[ Mohit ka bhai jab se gaya tha uski koyi khairiyat nahin mili thi isliye wo pareshan tha ]
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tarbiyat
तर्बियत
.تَرْبِیت
education, guiding and teaching etiquette and manners
[ Jo shakhs ki layaq ho usko tarbiyat karna chahiye aur na-layaq ko hargiz tarbiyat na kare ]
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KHaarij
ख़ारिज
.خارِج
rejected, excluded, expelled
[ Mulzim be-qusoor sabit hua isliye muqadma adalat se kharij kar diya gaya ]
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ziyaarat
ज़ियारत
.زِیارَت
seeing or visiting a holy place
[ Ajmer mein har saal lakhon log ziyarat ke liye aate hain, wahan Khwaja Gharib Nawaz ka mazar hai ]
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buKHaaraat
बुख़ारात
.بُخارات
steam, mist, fog
[ Suraj ki garmi se samnudar ka pani bukhaaraat mein tabdil ho kar fiza mein jama hota hai aur barish ka sabab banta hai ]
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tarjiih
तर्जीह
.تَرْجِیح
preference, priority, superiority
[ Na gore ko kale par na unche ko niche par tarjih hasil hai ]
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iKHtiyaar
इख़्तियार
.اِخْتِیار
authority, control
[ Har shakhs ko ikhtiyar hai ki apni marzi chalaye lekin dosron ka haq marne ka ikhtiyar use nahin diya ja sakta ]
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