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"साईं-साईं" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साईं-साईं के अर्थदेखिए
साईं-साईं के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़
- (मजाज़न) सन्नाटा, ख़ामोशी, वीरानी
- अल्लाह अल्लाह, याद-ए-ख़ुदा
- भाप निकलने की आवाज़, हुआ के चलने की आवाज़
- सरसराहट की आवाज़, सरसर
English meaning of saa.ii.n-saa.ii.n
Noun, Feminine
- howling wilderness, sound of a gunfire, whistling or rustle of wind
سائِیں سائِیں کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
اسم، مؤنث
- بھاپ نِکلنے کی آواز ، ہوا کے چلنے کی آواز.
- اللہ اللہ ، یادِ خدا.
- (مجازاً) سنّاٹا ، خاموشی ، وِیرانی.
- گولیوں یا تیر کے چلنے کی آواز.
- سرسراہٹ کی آواز ، سَرسَر.
Urdu meaning of saa.ii.n-saa.ii.n
- Roman
- Urdu
- bhaap nikalne kii aavaaz, hu.a ke chalne kii aavaaz
- allaah allaah, yaad-e-Khudaa
- (majaazan) sannaaTaa, Khaamoshii, viiraanii
- goliiyo.n ya tiir ke chalne kii aavaaz
- sarsaraahaT kii aavaaz, sarsar
खोजे गए शब्द से संबंधित
साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच
जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा
रहे नाम साईं का
अल्लाह का नाम सदैव रहेगा, अल्लाह को छोड़कर सब कुछ नश्वर है (जब किसी की मृत्यु या किसी चीज़ के गिरने या किसी भविष्य के खतरे या आश्चर्य में डालने वाली बात की चर्चा हो तो कहते हैं)
साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज
स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है
साईं राज बुलंद राज, पूत राज मुहताज राज
स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है
साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय
ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे
साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन
जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे
साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन
जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे
साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान
जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता
साईं तेरे कारने छोड़ा बल्ख़ बुख़ार, नौ लख घोड़े पाल्की और नौ लखा सवार
ईश्वर के लिए सब कुछ त्याग दिया
आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं
बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से
साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान
जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है
देना भला न बाप का बेटी भली न एक, चलन भला न कोस का जो साईं राखे टेक
चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे
साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर
जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है
याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान
यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है
साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक
जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है
याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान
यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है
साईं तेरे आसरे आन पड़े जो लोग, उन के पूरे भाग हैं उन के पूरे जोग
जो ईश्वर पर विश्वास करता है ईश्वर उस का हर काम पूरा करता है
साईं से सांची कहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन मेरी पत रहे सखियों में रहे बोल
स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है
साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग
दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए
साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल
स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है
साईं तुझ बिन कौन है जो करे नवड़िया पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार
ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है
साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर
ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए
ये बातें मत कीजियो कधे न तू ऐ यार, जिन बातों में रूस जा साईं और संसार
ऐसी बातें नहीं करनी चाहियें जिस में ईश्वर और संसार दोनों अप्रसन्न हों
साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर
अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए
तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम
अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए
तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा
अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे
साईं का रख आसरा और वाही का ले नाम, दो जग में भरपूर हों जो तेरे सगरे काम
ईश्वर पर भरोसा रख और उसी का नाम ले तो दोनों लोकों में तेरे काम पूरे होंगे
साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना
ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं
साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम
ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं
यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय
मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा
साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल के बैठिये नदी नाव संजोग
दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए
ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा
ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा
मूल न वा सूँ भय करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर
घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो
साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय
अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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shikaayat
शिकायत
.شِکایَت
complaint, accusation
[ Police ka sataya aadami aakhir kisse shikayat kare ]
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jaraahat
जराहत
.جَراحَت
surgery
[ Pathari ke operation ke liye mariz ko 'kamra baraye Jarahat' mein le jaya gaya ]
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'imaarat
'इमारत
.عِمارَت
building, house, edifice
[ Tanha aadami imarat kaise tamir kar sakta hai ]
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hikaayat
हिकायत
.حِکایَت
story, tale
[ Ek hikayat ke mutabiq Sawarni Manu ki paidaish Surya ki biwi Chhaya ke shikam se hui thi ]
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futuuhaat
फ़ुतूहात
.فُتُوحات
numerous victories or conquests
[ Sikandar ki Futuhat ne hi use saltanat ko aur phialane ka hausla diya ]
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in'aam
इन'आम
.اِنْعام
reward, award, prize
[ Rahim ko ek lakh rupye inaam mein mile ]
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mahal
महल
.مَحَل
house, building, palace
[ Quli Qutub Shah ne mushaeron ke liye darbar ko na-mauzun (unsuitable) khayal karte hue ek alag mahal tamir kara diya ]
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zaqan
ज़क़न
.ذَقَن
the chin
[ Zaqan ke niche ki hajamat se.... munh ke amraz mein faida hota hai ]
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mas.ala
मसअला
.مَسْئَلَہ
matter, affair, proposition, problem
[ Aaj ka masala sachche lafz ki daryaft hai aur sachche lafz ki daryaft kaise ho ]
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zikr
ज़िक्र
.ذِکْر
narration, telling, recital, report, talk
[ Jalpari ek tasswurati jandar hai jiska zikr hamen kahaniyon mein milta hai ]
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