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आप को दे दे मारना

(दुख या तकलीफ़ में) पछाड़ें खाना, तड़पना

सर दे-दे मारना

बेचैनी या दर्द की हालत में बार-बार पेशानी को पटकना, तिलमिलाना, बहुत बेचैन होना

ख़ुदा आप को नेकी दे

बातचीत में जुमल-ए-मुग़तरज़ा के तौर पर

हाथ दे दे मारना

हाथ बार-बार मारना, लगातार हाथों को पटकना

दे मारना

फेंक देना, पटकना, ज़ोर से गिराना, अपमान करना, दुर्व्यवहार करना, नीचा दिखाना

मुँह पर दे मारना

मुँह पर मारना, किसी चीज़ को फेंक कर मुँह पर ज़रब लगाना

मरते को मर जाने दे हलवा पूरी खाने दे

मतलबी अपना ही फ़ायदा चाहता है

एक से ले, एक को दे

ईश्वर किसी को धनी बनाता है किसी को निर्धन

एक को दे रुत्बा 'आली एक को दे खुर्पा जाली

सबको बराबर नहीं मिलता, अपना-अपना भाग्य है, किसी को कम मिलता है किसी को ज़्यादा

मुँह को लगाम दे

बदज़ुबानी मत करो, ज़बान सँभाल कर बात करे

सर दे मारना

कोई चीज़ किसी को क्रोध या घृणा से लौटा देना

रानों पर हाथ दे मारना

अफ़सोस करना, निहायत अफ़सोस करना, मातम करना

ज़बान को लगाम दे

ज़बान रोक, चुप रह, बकवास बंद कर

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूरी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूड़ी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

सियार औरों को शगून दे , आप कुत्तों से डरे

गीदड़ का रास्ते में मिलना अच्छ्াा शगून समझा जाता है मगर ख़ुद कुत्तों से डरता है यानी दूओसरों को फ़ायदा पहुंचाए मगर ख़ुद को कोई फ़ायदा ना हो

'आशिक़ को ख़ुदा ज़र दे, नहीं तो कर दे ज़मीं के पर्दे

प्रेमी को धनी होना चाहिए नहीं तो मर जाना अच्छा है

आग दे के पानी को दौड़ना

फ़साद उत्पन्न करके उसके रोकने का प्रयत्न करना

आप से आए तो आने दे

किसी अवैध वस्तु या बात को व्याख्या द्वारा वैध घोषित कर देने पर कहते है

ख़ुदा गंजे को पंजे न दे

भगवान कमज़ोर स्वभाव और नीच व्यक्ति को शासक न बनाए

ख़ुदा गंजे को नाख़ुन न दे

भगवान एक कम उत्साही और नीच आदमी को कोई अधिकार या सत्ता न दे

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे

may God not grant nails to the bald

ढुड़ पर उठा कर दे मारना

कूले पर लाद कर गिरा देना

धन दे जी को राखिए और जी दे राखे लाज

जान बचाने के लिए धन देनी चाहिए और सम्मान बचाने के लिए जान दे देनी चाहिए

जो न भाए आप को , वो दे बहू के बाप को

(ओ) उस जगह बोलते हैं जहान कोई शख़्स दूसरे के लिए वो बात करे जो ख़ुद के लिए नापसंद हो

नंगी घेरे घाट , न आप नहाए , न औरों को नहाने दे

रुक : नंगा घेरे घाट, ना आप नहाए, ना औरों को नहाने दे

अंधा बाँटे रेवड़ियाँ अपनों ही को दे

उस अवसर पर प्रयुक्त जब कोई अधिकार रखने वाले के अतिरिक्त हर सूरत से अपने संबंधी या दोस्त ही को लाभ पहुँचाए

अंधा बाँटे रेवड़ी अपनों ही को दे

उस अवसर पर प्रयुक्त जब कोई अधिकार रखने वाले के अतिरिक्त हर सूरत से अपने संबंधी या दोस्त ही को लाभ पहुँचाए

बाज़ू टूटे बाज़ को साईं तो'मा दे

अपने पाले हुए की पालने वाले ही को मुहब्बत होती है

दे दु'आ सम्धियाने को, फिरती दो दो दाने को

महिलाएँ लड़ाई में कहती हैं, इतनी निर्धन है कि अगर परिजन मदद न करते तो भूकी मरती

भूके को दे नहीं सकते रजे को देख नहीं सकते

इर्ष्या करने वाले के संबंध में बोलते हैं

बाज़ू टूटे बाज़ को बाज़ ही लुक़्मा दे

अपने सजातीय की सेवा और देख-रेख सजातीय ही करता है

दे दु'आ सम्धियाने को, नहीं फिरती दो दो दाने को

महिलाएँ लड़ाई में कहती हैं, इतनी निर्धन है कि अगर परिजन मदद न करते तो भूकी मरती

जिस को दे मौला , उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला उसी को दिलवाते हैं जिसे ख़ुदा देता है (आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी)

जग जला तो जलने दे, मैं आप ही जलती हूँ

मैं स्वयं परेशानी में हूँ दूसरों की परेशानी का क्या करूँ

ख़ुदा दे खाने को तो बला जाए कमाने को

आलसी अस्तित्व और निखट्टू अपने समर्थन की पुकार करते हैं

चूहिय्या को जो देना हो वो बिल्ली को दे दो

कोई ऐसा तरीक़ा जिस से नतीजा जल्दी निकले इख़तियार करने के मौक़ा पर कहते हैं

जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे जो सर खुजाए

ख़ुदा ज़ुलम को साहब-ए-इख़तियार और कमीने को साहब-ए-स्रोत ना करे (वर्ना वो ग़रीबों को बहुत सताएगा

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धरे, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

ख़ुदा रिजाले को नाख़ुन न दे जो अपना सर खुजाए

कमीने आदमी को इतनी ताक़त और हुकूमत ने मिले कि जिस के ग़लत इस्तिमाल से वो अपना नुक़्सान कर ले

टोटा कर दे मुँह को काला , टोटे वाला जगत का माला

घाटा बहुत बदनाम करता है और आदमी पर एक की नज़र में ज़लील हो जाता है

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धर ले, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे जो खुजाते खुजाते मर जाए

ख़ुदा ज़ुलम को साहब-ए-इख़तियार और कमीने को साहब-ए-स्रोत ना करे (वर्ना वो ग़रीबों को बहुत सताएगा

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे, जो खुजाते खुजाते मर जाए

भगवान एक कम उत्साही और नीच आदमी को कोई अधिकार या सत्ता न दे

रत्ती दे कर माँगे तोला, वा को कौन बतावे भोला

जो थोड़ा दे कर बहुत माँगे उसे कौन मूर्ख कह सकता है

दाँत टूटे खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे

बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता

ठोक बजा ले बस्तु को ठोक बजा दे दाम, बिग्ड़त नाहीं बालके देख भाल का काम

जो काम सोच विचार कर किया जाये ठीक होता है

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

दाँत टूटे और खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे

बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता

दाँत गिरे और खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे

बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता

साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे

निगंदे मारना

रुक : नगंदे डालना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

ये भी सिक्शा नाथ जी कह गए ठीकम-ठीक, खो दें आदर मान को दग़ा लोभ और भीक

धोखा लालच और भीख मनुषेय के सम्मान को खो देते हैं

अपने से बचे तो और को दें

पहले हक़ स्वजनों का है बाद में दूसरों का

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आप को दे दे मारना के अर्थदेखिए

आप को दे दे मारना

aap ko de de maarnaaآپ کو دے دے مارْنا

मुहावरा

टैग्ज़: दुःख

आप को दे दे मारना के हिंदी अर्थ

  • (दुख या तकलीफ़ में) पछाड़ें खाना, तड़पना

آپ کو دے دے مارْنا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (غم یا تکلیف میں) پچھاڑیں کھانا، تڑپنا

Urdu meaning of aap ko de de maarnaa

  • Roman
  • Urdu

  • (Gam ya takliif men) pachhaa.De.n khaanaa, ta.Dapnaa

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आप को दे दे मारना

(दुख या तकलीफ़ में) पछाड़ें खाना, तड़पना

सर दे-दे मारना

बेचैनी या दर्द की हालत में बार-बार पेशानी को पटकना, तिलमिलाना, बहुत बेचैन होना

ख़ुदा आप को नेकी दे

बातचीत में जुमल-ए-मुग़तरज़ा के तौर पर

हाथ दे दे मारना

हाथ बार-बार मारना, लगातार हाथों को पटकना

दे मारना

फेंक देना, पटकना, ज़ोर से गिराना, अपमान करना, दुर्व्यवहार करना, नीचा दिखाना

मुँह पर दे मारना

मुँह पर मारना, किसी चीज़ को फेंक कर मुँह पर ज़रब लगाना

मरते को मर जाने दे हलवा पूरी खाने दे

मतलबी अपना ही फ़ायदा चाहता है

एक से ले, एक को दे

ईश्वर किसी को धनी बनाता है किसी को निर्धन

एक को दे रुत्बा 'आली एक को दे खुर्पा जाली

सबको बराबर नहीं मिलता, अपना-अपना भाग्य है, किसी को कम मिलता है किसी को ज़्यादा

मुँह को लगाम दे

बदज़ुबानी मत करो, ज़बान सँभाल कर बात करे

सर दे मारना

कोई चीज़ किसी को क्रोध या घृणा से लौटा देना

रानों पर हाथ दे मारना

अफ़सोस करना, निहायत अफ़सोस करना, मातम करना

ज़बान को लगाम दे

ज़बान रोक, चुप रह, बकवास बंद कर

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूरी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूड़ी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

सियार औरों को शगून दे , आप कुत्तों से डरे

गीदड़ का रास्ते में मिलना अच्छ्াा शगून समझा जाता है मगर ख़ुद कुत्तों से डरता है यानी दूओसरों को फ़ायदा पहुंचाए मगर ख़ुद को कोई फ़ायदा ना हो

'आशिक़ को ख़ुदा ज़र दे, नहीं तो कर दे ज़मीं के पर्दे

प्रेमी को धनी होना चाहिए नहीं तो मर जाना अच्छा है

आग दे के पानी को दौड़ना

फ़साद उत्पन्न करके उसके रोकने का प्रयत्न करना

आप से आए तो आने दे

किसी अवैध वस्तु या बात को व्याख्या द्वारा वैध घोषित कर देने पर कहते है

ख़ुदा गंजे को पंजे न दे

भगवान कमज़ोर स्वभाव और नीच व्यक्ति को शासक न बनाए

ख़ुदा गंजे को नाख़ुन न दे

भगवान एक कम उत्साही और नीच आदमी को कोई अधिकार या सत्ता न दे

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे

may God not grant nails to the bald

ढुड़ पर उठा कर दे मारना

कूले पर लाद कर गिरा देना

धन दे जी को राखिए और जी दे राखे लाज

जान बचाने के लिए धन देनी चाहिए और सम्मान बचाने के लिए जान दे देनी चाहिए

जो न भाए आप को , वो दे बहू के बाप को

(ओ) उस जगह बोलते हैं जहान कोई शख़्स दूसरे के लिए वो बात करे जो ख़ुद के लिए नापसंद हो

नंगी घेरे घाट , न आप नहाए , न औरों को नहाने दे

रुक : नंगा घेरे घाट, ना आप नहाए, ना औरों को नहाने दे

अंधा बाँटे रेवड़ियाँ अपनों ही को दे

उस अवसर पर प्रयुक्त जब कोई अधिकार रखने वाले के अतिरिक्त हर सूरत से अपने संबंधी या दोस्त ही को लाभ पहुँचाए

अंधा बाँटे रेवड़ी अपनों ही को दे

उस अवसर पर प्रयुक्त जब कोई अधिकार रखने वाले के अतिरिक्त हर सूरत से अपने संबंधी या दोस्त ही को लाभ पहुँचाए

बाज़ू टूटे बाज़ को साईं तो'मा दे

अपने पाले हुए की पालने वाले ही को मुहब्बत होती है

दे दु'आ सम्धियाने को, फिरती दो दो दाने को

महिलाएँ लड़ाई में कहती हैं, इतनी निर्धन है कि अगर परिजन मदद न करते तो भूकी मरती

भूके को दे नहीं सकते रजे को देख नहीं सकते

इर्ष्या करने वाले के संबंध में बोलते हैं

बाज़ू टूटे बाज़ को बाज़ ही लुक़्मा दे

अपने सजातीय की सेवा और देख-रेख सजातीय ही करता है

दे दु'आ सम्धियाने को, नहीं फिरती दो दो दाने को

महिलाएँ लड़ाई में कहती हैं, इतनी निर्धन है कि अगर परिजन मदद न करते तो भूकी मरती

जिस को दे मौला , उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला उसी को दिलवाते हैं जिसे ख़ुदा देता है (आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी)

जग जला तो जलने दे, मैं आप ही जलती हूँ

मैं स्वयं परेशानी में हूँ दूसरों की परेशानी का क्या करूँ

ख़ुदा दे खाने को तो बला जाए कमाने को

आलसी अस्तित्व और निखट्टू अपने समर्थन की पुकार करते हैं

चूहिय्या को जो देना हो वो बिल्ली को दे दो

कोई ऐसा तरीक़ा जिस से नतीजा जल्दी निकले इख़तियार करने के मौक़ा पर कहते हैं

जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे जो सर खुजाए

ख़ुदा ज़ुलम को साहब-ए-इख़तियार और कमीने को साहब-ए-स्रोत ना करे (वर्ना वो ग़रीबों को बहुत सताएगा

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धरे, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

ख़ुदा रिजाले को नाख़ुन न दे जो अपना सर खुजाए

कमीने आदमी को इतनी ताक़त और हुकूमत ने मिले कि जिस के ग़लत इस्तिमाल से वो अपना नुक़्सान कर ले

टोटा कर दे मुँह को काला , टोटे वाला जगत का माला

घाटा बहुत बदनाम करता है और आदमी पर एक की नज़र में ज़लील हो जाता है

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धर ले, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे जो खुजाते खुजाते मर जाए

ख़ुदा ज़ुलम को साहब-ए-इख़तियार और कमीने को साहब-ए-स्रोत ना करे (वर्ना वो ग़रीबों को बहुत सताएगा

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे, जो खुजाते खुजाते मर जाए

भगवान एक कम उत्साही और नीच आदमी को कोई अधिकार या सत्ता न दे

रत्ती दे कर माँगे तोला, वा को कौन बतावे भोला

जो थोड़ा दे कर बहुत माँगे उसे कौन मूर्ख कह सकता है

दाँत टूटे खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे

बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता

ठोक बजा ले बस्तु को ठोक बजा दे दाम, बिग्ड़त नाहीं बालके देख भाल का काम

जो काम सोच विचार कर किया जाये ठीक होता है

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

दाँत टूटे और खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे

बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता

दाँत गिरे और खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे

बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता

साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे

निगंदे मारना

रुक : नगंदे डालना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

ये भी सिक्शा नाथ जी कह गए ठीकम-ठीक, खो दें आदर मान को दग़ा लोभ और भीक

धोखा लालच और भीख मनुषेय के सम्मान को खो देते हैं

अपने से बचे तो और को दें

पहले हक़ स्वजनों का है बाद में दूसरों का

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