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नाम ही नाम है

۔ सिर्फ़ कहने को है फ़िलहक़ीक़त कुछ नहीं है की जगह।(इजतिहाद)आदमी ख़ुद सोचे समझे तो मालूम करसकता है कि जिस को इख़तियार कहना चाहिए इस का तो नाम ही नाम है

नाम है

۔۱۔ شہرت ہے ۲۔ برائے نام ہے۔؎

नाम ही नाम का

صرف دِکھاوے کا ، بے حقیقت ، بے اصل ، جعلی ۔

नाम ही नाम होना

केवल कहने को होना, वास्तव में कुछ न होना, जैसी शोहरत हो वैसा न होना, शोहरत कुछ और होना हक़ीक़त कुछ और होना

नाम बुरा है

۔ بدنام ہونے کی جگہ مستعمل ہے۔ ؎

नाम बिकता है

(of something) being valuable because of its name

नाम को नहीं है

केवल नाम का ही नहीं है, नाम गिनाने तक को नहीं है, बिलकुल नहीं है, सर्वथा नहीं है

ख़ुदा का नाम है

۔देखो अल्लाह।

नाम ही नाम रह जाना

सिर्फ़ नाम बाक़ी रह जाना, सिर्फ़ उल्लेख रह जाना, सब कुछ समाप्त हो जाना, कुछ न होना

अल्लाह का नाम है

कुछ नहीं है, निर्धन है, केवल ईश्वर का नाम है

नाम ख़ुदा कँवारा पिंडा है

(ओ) चशम बददूओर कुंवारी है (उमूमन अभी के साथ

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का नाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

खिलाए का नाम नहीं , रोलाए का नाम है

۔مثل۔ نیک کام اور حسن خدمت کی کوئی داد نہیں دیتا۔ لیکن بُری بات فوراً پکڑ لی جاتی ہے۔

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

आगे ख़ुदा का नाम है

वहाँ बोला जाता है जहाँ कोई चीज़ इस तरह बढ़ी हुई हो कि ईश्वर के सिवा कोई न हो, ईश्वर के नाम के सिवा कुछ भी नहीं, इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता, अब अंत है, बस अंत है, इस से आगे कुछ नहीं

नाम ही का होना

सिर्फ कहने के वास्ते होना, बुरा-ए-नाम होना

सुब्ह ही सुब्ह ख़ुदा का नाम लो

सुबह को कोई झूट बोले तो कहते हैं

ज़िंदगी ज़िंदा दिली का नाम है

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

आस का नाम दुनिया है

उम्मीद के भरोसे पर दुनिया का कारोबार चलता है

आज कल उनके नाम की कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यशाली हैं

हरि का नाम सत है सत बोलो मुक्त है

(हिंदूओं के) ख़ुदा का नाम सच्च है और सच्च बोलने में नजात है (एक फ़िक़रा जिस का इस्तिमाल कुछ हिंदू ज़ातों में मुरदे को ले जाते वक़्त किया जाता है)

मर्द का नाम मर्द से बेहतर है

आदमी से ज़्यादा उसका नाम प्रभावशाली होता है, मर्द से ज़्यादा उस के नाम का रोब या असर होता है

सदा नाम अल्लाह का रहता है

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

मेरे ही से आग लाई नाम रखा बी संदर

यानी अपने ही वाक़िफ़ कार और मुहर्रम इसरार से झूट बोलना और पर्दा करना, जिस से लेना इसी के आगे शीख़ीबघारना

आज कल उन के नाम कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यवान हैं, ये उनकी उन्नति का दौर है

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का इल्ज़ाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

दाने दाने पर नाम है

every grain has the name of its eater inscribed on it, i.e. what you eat or where you eat is decided by destiny, every bullet has its billet

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का नाम है, मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

मरना है बद नेक को जीना नाप सदा, बेहतर है जो जगत में नेक नाम रह जा

अच्छे काम करने चाहिए ताकि दुनिया में रह जाए, वैसे तो अच्छे बुरे सब को मरना है

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपना सम्मान अपने मुँह से नहीं हुआ करता

चेले लावें माँग कर बैठा खाए महंत, राम भजन का नाम है पंथ

भजन नाम को है ये सब पेट भरने के तरीक़े हैं, चेले मांग कर लाते हैं, गुरु बैठे खाते हैं

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

नाम क्या शकर-पारा, रोटी खाए दस-बारा, पानी कितना है मटका सारा, काम करने को लड़का बिचारा

खाता बहुत है परंतु काम नहीं करता

रात को साँप का नाम नहीं लेते हैं

लोक-निश्वास है कि साँप का नाम रात को लिया जाए तो वह निकल आता है इस लिए रस्सी कह देते हैं

रात को नाम नहीं लेते हैं

एक अंधविश्वास कि साँप का नाम रात को लिया जाए तो वह निकल आता है (इस लिए रस्सी कह देते हैं)

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में नाम ही नाम है के अर्थदेखिए

नाम ही नाम है

naam hii naam haiنام ہی نام ہے

वाक्य

मूल शब्द: नाम-बर-आवर्दा

नाम ही नाम है के हिंदी अर्थ

  • ۔ सिर्फ़ कहने को है फ़िलहक़ीक़त कुछ नहीं है की जगह।(इजतिहाद)आदमी ख़ुद सोचे समझे तो मालूम करसकता है कि जिस को इख़तियार कहना चाहिए इस का तो नाम ही नाम है
  • सिर्फ़ नाम है, सिर्फ़ तज़किरा है, महिज़ ज़िक्र है, हक़ीक़त में कुछ नहीं है

نام ہی نام ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • صرف نام ہے، صرف تذکرہ ہے، محض ذکر ہے، حقیقت میں کچھ نہیں ہے
  • صرف کہنے کو ہے فی الحقیقت کچھ نہیں ہے کی جگہ۔ (اجتہاد)آدمی خود سوچے سمجھے تو معلوم کرسکتا ہے کہ جس کو اختیارکہنا چاہئے اس کا تونام ہی نام ہے

Urdu meaning of naam hii naam hai

  • Roman
  • Urdu

  • sirf naam hai, sirf tazakiraa hai, mahiz zikr hai, haqiiqat me.n kuchh nahii.n hai
  • sirf kahne ko hai filahqiiqat kuchh nahii.n hai kii jagah। (ijatihaad)aadamii Khud soche samjhe to maaluum karasaktaa hai ki jis ko iKhatiyaar kahnaa chaahii.e is ka to naam naam huy

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नाम ही नाम है

۔ सिर्फ़ कहने को है फ़िलहक़ीक़त कुछ नहीं है की जगह।(इजतिहाद)आदमी ख़ुद सोचे समझे तो मालूम करसकता है कि जिस को इख़तियार कहना चाहिए इस का तो नाम ही नाम है

नाम है

۔۱۔ شہرت ہے ۲۔ برائے نام ہے۔؎

नाम ही नाम का

صرف دِکھاوے کا ، بے حقیقت ، بے اصل ، جعلی ۔

नाम ही नाम होना

केवल कहने को होना, वास्तव में कुछ न होना, जैसी शोहरत हो वैसा न होना, शोहरत कुछ और होना हक़ीक़त कुछ और होना

नाम बुरा है

۔ بدنام ہونے کی جگہ مستعمل ہے۔ ؎

नाम बिकता है

(of something) being valuable because of its name

नाम को नहीं है

केवल नाम का ही नहीं है, नाम गिनाने तक को नहीं है, बिलकुल नहीं है, सर्वथा नहीं है

ख़ुदा का नाम है

۔देखो अल्लाह।

नाम ही नाम रह जाना

सिर्फ़ नाम बाक़ी रह जाना, सिर्फ़ उल्लेख रह जाना, सब कुछ समाप्त हो जाना, कुछ न होना

अल्लाह का नाम है

कुछ नहीं है, निर्धन है, केवल ईश्वर का नाम है

नाम ख़ुदा कँवारा पिंडा है

(ओ) चशम बददूओर कुंवारी है (उमूमन अभी के साथ

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का नाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

खिलाए का नाम नहीं , रोलाए का नाम है

۔مثل۔ نیک کام اور حسن خدمت کی کوئی داد نہیں دیتا۔ لیکن بُری بات فوراً پکڑ لی جاتی ہے۔

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

आगे ख़ुदा का नाम है

वहाँ बोला जाता है जहाँ कोई चीज़ इस तरह बढ़ी हुई हो कि ईश्वर के सिवा कोई न हो, ईश्वर के नाम के सिवा कुछ भी नहीं, इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता, अब अंत है, बस अंत है, इस से आगे कुछ नहीं

नाम ही का होना

सिर्फ कहने के वास्ते होना, बुरा-ए-नाम होना

सुब्ह ही सुब्ह ख़ुदा का नाम लो

सुबह को कोई झूट बोले तो कहते हैं

ज़िंदगी ज़िंदा दिली का नाम है

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

आस का नाम दुनिया है

उम्मीद के भरोसे पर दुनिया का कारोबार चलता है

आज कल उनके नाम की कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यशाली हैं

हरि का नाम सत है सत बोलो मुक्त है

(हिंदूओं के) ख़ुदा का नाम सच्च है और सच्च बोलने में नजात है (एक फ़िक़रा जिस का इस्तिमाल कुछ हिंदू ज़ातों में मुरदे को ले जाते वक़्त किया जाता है)

मर्द का नाम मर्द से बेहतर है

आदमी से ज़्यादा उसका नाम प्रभावशाली होता है, मर्द से ज़्यादा उस के नाम का रोब या असर होता है

सदा नाम अल्लाह का रहता है

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

मेरे ही से आग लाई नाम रखा बी संदर

यानी अपने ही वाक़िफ़ कार और मुहर्रम इसरार से झूट बोलना और पर्दा करना, जिस से लेना इसी के आगे शीख़ीबघारना

आज कल उन के नाम कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यवान हैं, ये उनकी उन्नति का दौर है

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का इल्ज़ाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

दाने दाने पर नाम है

every grain has the name of its eater inscribed on it, i.e. what you eat or where you eat is decided by destiny, every bullet has its billet

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का नाम है, मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

मरना है बद नेक को जीना नाप सदा, बेहतर है जो जगत में नेक नाम रह जा

अच्छे काम करने चाहिए ताकि दुनिया में रह जाए, वैसे तो अच्छे बुरे सब को मरना है

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपना सम्मान अपने मुँह से नहीं हुआ करता

चेले लावें माँग कर बैठा खाए महंत, राम भजन का नाम है पंथ

भजन नाम को है ये सब पेट भरने के तरीक़े हैं, चेले मांग कर लाते हैं, गुरु बैठे खाते हैं

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

नाम क्या शकर-पारा, रोटी खाए दस-बारा, पानी कितना है मटका सारा, काम करने को लड़का बिचारा

खाता बहुत है परंतु काम नहीं करता

रात को साँप का नाम नहीं लेते हैं

लोक-निश्वास है कि साँप का नाम रात को लिया जाए तो वह निकल आता है इस लिए रस्सी कह देते हैं

रात को नाम नहीं लेते हैं

एक अंधविश्वास कि साँप का नाम रात को लिया जाए तो वह निकल आता है (इस लिए रस्सी कह देते हैं)

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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